खुदीराम बोस पर हिंदी में निबंध / Khudiram Bose Essay in Hindi

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खुदीराम बोस पर हिंदी में निबंध / Khudiram Bose Essay in Hindi

खुदीराम बोस पर हिंदी में निबंध / Khudiram Bose Essay in Hindi

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                   खुदीराम बोस पर हिंदी में निबंध

Table of contents-

1. परिचय

2. खुदीराम बोस का प्रारंभिक जीवन

3. खुदीराम बोस का क्रांतिकारी जीवन

4. आजादी के लिए संघर्ष

5. किंग्सफोर्ड को मारने की योजना

6. खुदीराम बोस की गिरफ्तारी

7. खुदीराम बोस की शहादत का प्रभाव

8. उपसंहार

9. खुदीराम बोस पर 10 लाइन का निबंध 

10. FAQs


नमस्कार मित्रों स्वागत है आपका हमारे एक और नये आर्टिकल पर। आज की पोस्ट में हम आपको भारत देश के सबसे कम उम्र के क्रांतिकारी रहे खुदीराम बोस पर हिंदी में निबंध (Khudiram Bose Essay in Hindi) के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे एवं इस निबंध से संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर पर भी परिचर्चा करेंगे। ये सभी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर एनसीईआरटी पैटर्न पर आधारित हैं।  तो इस पोस्ट को आप लोग पूरा पढ़िए। अगर पोस्ट अच्छी लगे तो अपने दोस्तों में भी शेयर करिए।


खुदीराम बोस पर निबंध हिंदी में 

 

परिचय: खुदीराम बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक क्रांतिकारी युवा के रूप में जाने जाते हैं। 19 साल की उम्र में देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए उन्हें फांसी दे दी गई थी। भारत की स्वतंत्रता में उनकी भूमिका अतुलनीय और अद्भुत रही है। यह वीर क्रान्तिकारी युवक भारत में क्रान्तिकारी लहर से प्रेरित था। जिसके बाद युवाओं के मन में क्रांतिकारी भावना जाग्रत हुई।


कई कवियों ने उनकी वीरता के बारे में कविताएं भी लिखी हैं। खुदीराम के सम्मान में भावपूर्ण गीत लिखे गए, जो बंगाल के लोकगीतों में प्रचलित है। खुदीराम बोस हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं, हम सभी को खुदीराम बोस को हृदय से नमन करना चाहिए।


खुदीराम बोस का प्रारंभिक जीवन: खुदीराम बोस का जन्म 3 दिसंबर 1889 को बंगाल में मिदनापुर जिले के हबीबपुर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम त्रैलोक्य नाथ बोस और माता का नाम लक्ष्मीप्रिया देवी था। बचपन में ही उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया और उनकी बड़ी बहन ने उनका पालन-पोषण किया। उनके हृदय में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।


इसके चलते उन्होंने नौवीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी और राजनीतिक गतिविधियों में भरपूर हिस्सा लेने लगे।  बहुत कम उम्र में ही उनमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा पैदा हो गया था।


खुदीराम बोस का क्रांतिकारी जीवन- भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए जिस प्रकार देश के कोने-कोने से आन्दोलन चलाया जा रहा था। ऐसे में अंग्रेजों ने आंदोलन को कुचलने के लिए बंगाल विभाजन की योजना बनाई। 1905 में जब बंगाल का विभाजन हुआ तो खुदीराम बोस ने इसका कड़ा विरोध किया और आंदोलन को बंगाल के कोने-कोने तक ले जाने के लिए उन्होंने सत्येंद्र बोस के नेतृत्व में पर्चे बांटने शुरू कर दिए।


आजादी के लिए संघर्ष - उन्होंने सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसके अलावा थाने के पास बम फेंके गए। 1906 में सोनार बांग्ला नाम का एक विज्ञापन बांटते हुए उन्हें पुलिस ने पकड़ा लेकिन वे पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहे। और भागने में सफल रहे, जिसके बाद उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया। लेकिन साक्ष्य के अभाव में वह बरी हो गये। 1907 में नारायणगढ़ रेलवे स्टेशन पर बंगाल के गवर्नर पर बम फेंका गया लेकिन वह बाल-बाल बच गए।


किंग्सफोर्ड को मारने की योजना: जब बंगाल का विभाजन हुआ तो लाखों लोग सड़कों पर उतर आए।  जिसके बाद उस समय के मजिस्ट्रेट ने किंग्सफोर्ड आंदोलनकारियों को क्रूर दंड दिया। जिसके बाद उन्हें पदोन्नत कर मुजफ्फरपुर का सत्र न्यायाधीश बनाया गया। इससे खुदीराम बोस बहुत क्रोधित हुए। खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी ने फिर किंग्सफोर्ड को मारने की योजना बनाई।


खुदीराम बोस और प्रफुल्ल मुजफ्फरपुर गए और किंग्सफोर्ड के बंगले और कार्यालय की निगरानी करने लगे। इसके बाद 30 अप्रैल 1960 को प्रफुल्ल चाकी और खुदीराम बोस ने अंधेरे में आ रही एक बग्गी पर बम फेंका। उन्होंने सोचा कि इसके अंदर किंग्सफोर्ड होगा लेकिन उस बग्गी के अंदर दो यूरोपीय महिलाएं थीं जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। हंगामे के बीच दोनों वहां से नंगे पांव भागे।


खुदीराम रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां एक चाय वाले से पानी मांगा। लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को उन पर शक हो गया और काफी मशक्कत के बाद दोनों ने खुदीराम को गिरफ्तार कर लिया. एक मई को उन्हें स्टेशन से मुजफ्फरपुर लाया गया। उधर, उनका साथी प्रफुल्ल चाकी भागते-भागते थक गया था। वह ब्रिटिश शासन के अधीन काम करने वाले त्रिगुणाचरण नाम के एक व्यक्ति की मदद से ट्रेन में चढ़ा।


 लेकिन ट्रेन के अंदर एक सब-इंस्पेक्टर को शक हुआ और उसने इसकी जानकारी नजदीकी पुलिस स्टेशन में दी. और जब मोकामा घाट पर उतरा तो वहां पहले से ही पुलिस मौजूद थी। उसने पुलिस के हाथों मरने के बजाय खुद को गोली मार ली।


खुदीराम बोस की गिरफ्तारी :1 मई 1908 को उन्हें ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद उन पर मुकदमा चलाया गया। इसके बाद 11 अगस्त 1906 को 18 साल की उम्र में उन्हें फांसी दे दी गई। उनकी शहादत के बाद देश भर में लोगों ने उनकी याद में जुलूस और आंदोलन किए। उस दिन स्कूल और कॉलेज बंद थे और लंबे समय तक छात्र शोक दिवस मनाया गया।


खुदीराम बोस की शहादत का प्रभाव - बंगाल के लोग भी एक विशेष प्रकार की धोती पहनने लगे, जिसके एक ओर खुदीराम बोस का नाम लिखा होता था। बंगाल आंदोलन में खुदीराम बोस की शहादत ने भी बंगाल की जनता के मन में सरकार के खिलाफ आंदोलन की भावना जगा दी।


उपसंहार- देश के सबसे युवा क्रांतिकारी नेता खुदीराम बोस बहुत कम उम्र में शहीद हो गए थे। लेकिन उनके द्वारा किए गए अभूतपूर्व काम और उनकी यादें आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं। आज के युवाओं को खुदीराम बोस के जीवन से सबसे बड़ी सीख मिलती है कि देश से बड़ा कुछ नहीं होता, इसलिए हम सभी को देश के प्रति ईमानदार और कर्तव्यपरायण होना होगा, तभी हमारे देश का सम्मान बना रहेगा।


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खुदीराम बोस पर 10 लाइन का निबंध 


1. खुदीराम बोस भारत की स्वतंत्रता के लिए शहीद होने वाले सबसे कम उम्र के क्रांतिकारी थे।


2. उनका जन्म 3 दिसम्बर 1889 को बंगाल में मिदनापुर जिले के हबीबपुर गाँव में हुआ था।


3. उनके पिता का नाम त्रैलोक्यनाथ बोस तथा माता का नाम लक्ष्मी प्रिया देवी था।


4. खुदीराम बोस के बचपन में ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था।


5. उनकी गणना देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में होती है।


6. खुदीराम बोस ने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक अंग्रेज अधिकारी की गाड़ी पर बम फेंका था।


7. 8 जून 1908 को उन्हें अदालत में पेश किया गया और 13 जून को उन्हें मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई।


8. 11 अगस्त 1908 को 18 वर्ष की आयु में उन्हें फाँसी दी गई।


9. उनकी शहादत ने हिंदुस्तानियों में आजादी की जो ललक पैदा की उसने स्वाधीनता आंदोलन को एक नया बल दिया ।


10. खुदीराम बोस को मातृभूमि के लिए अपने बलिदान

      के लिए युगों-युगों तक याद रखा जाएगा।


FAQs


1.खुदीराम बोस कौन थे?

 उत्तर-खुदीराम बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक क्रांतिकारी युवा के रूप में जाने जाते हैं।


 2.खुदीराम बोस का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

 उत्तर- खुदीराम बोस का जन्म 3 दिसंबर 1889 को बंगाल में मिदनापुर जिले के हबीबपुर गांव में हुआ था।


 3.खुदीराम बोस के पिता का क्या नाम था ?

उत्तर- खुदीराम बोस के पिता का नाम त्रैलोक्य नाथ बोस था।


 4.खुदीराम बोस की माता का क्या नाम था ?

उत्तर- खुदीराम बोस की माता का नाम लक्ष्मीप्रिया देवी था।


 5.खुदीराम बोस की मृत्यु कैसे हुई?

 उत्तर- 11 अगस्त 1906 को 18 वर्ष की आयु में उन्हें फाँसी दे दी गई।


 6.खुदीराम बोस के मित्र का नाम क्या था ?

 उत्तर- खुदीराम बोस के मित्र का नाम प्रफुल्ल चाकी था, जिसके साथ मिलकर उन्होंने किंग्सफोर्ड को मारने की योजना बनाई थी।


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