अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध || Essay on yoga day in Hindi
नमस्कार दोस्तों, आज के इस Article में हम आपको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध लिखना बताएंगे। दोस्तों, अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने सभी दोस्तों को share जरूर करिएगा।
Table of Contents :-
प्रस्तावना :-
योग, मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है। योग के विभिन्न रूपों से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को इस अनूठी कला का आनंद लेने के लिए मनाया जाता है।
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योग क्या है ? :-
योग एक विज्ञान, एक अनुशासित जीवन शैली, जीवन जीने की एक कला है। योग केवल कुछ आसान या ध्यान करने के लिए नहीं है, बल्कि जीवन में विसंगति से दूर रहने के लिए अंतर्मुखी जीवन जीने के लिए है। नियमित ध्यान और प्राणायाम से मस्तिष्क में फोल गुड हार्मोन निकलता है, जो व्यक्ति को खुश रखता है। गीता में, श्री कृष्णा ने यह भी कहा है कि हम जो भी काम करते हैं, हमें उसे पूरी ईमानदारी, निष्ठा, समर्पण, कड़ी मेहनत, त्याग और खुशी के साथ करना चाहिए और इसमें पूरी सफलता प्राप्त करनी चाहिए। यह भी एक प्रकार का योग है। किसी कर को पूर्णता या पूर्णता तक पहुंचाना भी योग है।
योग की उत्पत्ति :-
यह शब्द की उत्पत्ति संस्कृति के ‘युज’ से हुई है, जिसका मतलब होता है आत्मा सार्वभौमिक चेतना से मिलन। यह कहा जाता है कि भगवान शिव थे जिन्होंने इस कला को जन्म दिया था। जिन्हें आदि योगी के रूप में भी जाना जाता है, शिव को दुनिया भर के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा माना जाता है।
यह माना जाता है कि यह उत्तर भारत में सिंधु-सरस्वती सभ्यता थी जिसने 5,000 साल पहले इस शानदार कला की शुरुआत की थी। ऋग्वेद में योग शब्द का प्रथम बार उल्लेख किया गया था। हालांकि, हीरो की पहली व्यवस्थित प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पतंजलि द्वारा की गई।
योग दिवस की शुरुआत :-
योग की कला को मनाने के लिए एक विशेष दिन की स्थापना का विचार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित किया गया था। उन्होंने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान इस सुझाव का प्रस्ताव रखा।
संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने श्री मोदी द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव पर विचार किया और जल्द ही इसे एक सकारात्मक संकेत दिया। 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया।
21 जून को ही क्यों ? :-
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने योग दिवस मनाने का विचार प्रस्तावित किया था, ने सुझाव दिया था कि इसे 21 जून को मनाया जाना चाहिए। यह उनके द्वारा सुझाई गई एक यादृच्छिक तारीख नहीं थी। इस तिथि को मनाने के लिए कुछ कारण प्रस्तावित किए गए थे।
21 जून का दिन तक करने के पीछे एक कारण था वह यह कि 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, यह मनुष्य के दीर्घ जीवन को दर्शाता। ध्यान देने वाली बात है कि 21 जून के दिन सूरज जल्दी उदय होता है और देरी से ढलता है। अतः इस दिन सूर्य का तेज धरती पर सबसे प्रभावी होता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक पहल :-
योग की कला का जश्न मनाने के लिए एक विशेष दिन की स्थापना का विचार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तावित किया था। इस पहल के माध्यम से भारतीय प्रधानमंत्री हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए इस अनोखे उपहार को प्रकाश में लाना चाहते थे। उन्होंने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान इस सुझाव का प्रस्ताव दिया था। अपने संयुक्त राष्ट्र के संबोधन में उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि योग दिवस 21 जून को मनाया जाना चाहिए क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन है।
यूएनजीए के सदस्यों ने मोदी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया और जल्द ही इसके लिए सकारात्मक मंजूरी दे दी। 21 जून 2015 का दिन पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिन भारत में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और कई उन राजनीतिक नेताओं ने राजपथ पर उत्साह के साथ यह दिन मनाया। तब से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून हर साल बहुत उत्साह से मनाया जाता है।
इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में कई बड़े और छोटे योग शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। इस पवित्र कला का अभ्यास करने के लिए लोग बड़ी संख्या में इस शिविर में हिस्सा लेते हैं। न सिर्फ भारत में बल्कि इस तरह के शिविरों का आयोजन दुनिया के अन्य हिस्सों में भी किया जाता है और लोग बड़े उत्साह से इनमें भाग लेते हैं।
योग का महत्व :-
हमारी बदलती हुई जीवनशैली के बीच योग का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। अनियमित खान-पान प्रदूषण भरे माहौल में रहने से एवं सोने, जागने का एक निश्चित वक्त ना होना, इन सब कारणों की वजह से कहीं ना कहीं हमारा स्वास्थ्य बहुत बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, जिसका असर हमारी कार्य क्षमता में स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है। जब हमारा शरीर और मन स्वस्थ नहीं होता तो हम पूरी ऊर्जा के साथ काम नहीं कर पाते। ऐसे में योग सबसे बड़ी औषधि का काम करता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उत्सव :-
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बड़े उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन हर साल एक नए थीम पर मनाया जाता है। विभिन्न जगहों पर कई बड़े और छोटे योग शिविर, सेमिनार और योग प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। जिसमें लोगों को योग का महत्व और योग से रोग का इलाज कैसे होता है, उसके बारे में बताया जाता है।
पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत और विश्व में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। राजपथ दिल्ली में एक बड़ी जगह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व की कई मशहूर हस्तियों और 35985 लोगों के साथ 35 मिनट के लिए 21 योग आसन किए। पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनिया के करीब 190 देशों ने मनाया था।
दूसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस चंडीगढ़ में और तीसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस लखनऊ में आयोजित किया गया। विश्व में हर साल इस दिन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने लगी है और ज्यादा से ज्यादा लोग योग के साथ जुड़ते गए हैं।
योग के फायदे :-
योग एक अद्भुत प्रकार का व्यायाम है, जो शरीर और मन दोनों को नियंत्रण में रखता है। योग का एक अलग ही विज्ञान है। योग से तनाव कम होता है और शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। योग से सकारात्मक का भाव प्रवाहित होता है, जिससे शरीर रोग का घर नहीं बन सकता। मन शांत और एकाग्र रहता है। योग से मनुष्य में मनोबल बढ़ता है। और सकारात्मक भाव के कारण मनुष्य का मनोविकास होता है।
योग से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता है। हमारा शरीर लचीला बनता है। हमें थकावट या किसी भी काम के प्रति उदासी का भाव नहीं रहता।
निष्कर्ष :-
21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्राचीन भारतीय कला के लिए एक अनुष्ठान है। हमारे दैनिक जीवन में योग को जगह देने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। यह हमारे तनावपूर्ण जीवन के लिए एक बड़ी राहत प्रदान करता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कविता :-
भारत की शान है योग,
गीता, वेद, पुराण है योग।
सबका कल्याण है योग,
ऋषि-मुनियों के देन है योग।
संस्कृति की आन है योग,
प्रकृति का वरदान है योग।
शरीर की स्फूर्ति है योग,
वीरों की शक्ति है योग।
निरोगता का राज है योग,
मन की एकाग्रता है योग।
संतों की साधना है योग,
सफलता की कुंजी है योग।
योग दिवस पर 10 लाइन :-
1. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है।
2. पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया।
3. भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से इसकी पहल की थी।
4. 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।
5. योग को शारीरिक, मानसिक व आत्मिक स्वास्थ्य व शांति के लिए बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है।
6. प्रथम बार विश्व योग दिवस के अवसर पर 192 देशों में योग का आयोजन किया गया था।
7. जिसमें 47 मुस्लिम देश भी शामिल थे।
8. पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
9. योग हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है।
10. विश्व योग दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में योग के प्रति जागरूकता फैलाना है।
FAQ Questions :-
प्रश्न - योग दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर - इसकी सार्वभौमिक अपील को स्वीकार करते हुए 11 दिसंबर 2014 को, संयुक्त राष्ट्र ने संकल्प 69/131 द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में योग के अभ्यास के कई लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
प्रश्न - योग दिवस का लोगो किसका प्रतीक है?
उत्तर - लोगों में दोनों हाथों को मोड़ना योग (मिलान) का प्रतीक है। यह सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना के मिलन को दर्शाता है। साथ ही मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच के मिलन का भी प्रतीक है। भूरी पत्तियां पृथ्वी तत्व का प्रतीक है।
प्रश्न - योग का उद्देश्य क्या है?
उत्तर - योग का एकमात्र उद्देश्य आत्मा परमात्मा के मिलन द्वारा सामाजिक अवस्था को प्राप्त करना है। इसी अर्थ को जानकर कई साधक योग साधना द्वारा मोक्ष, मुक्ति के मार्ग को प्राप्त करते हैं। योग के अंतर्गत यम, नियम,आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि को साधक चरणबद्ध तरीके से पार करता हुआ कैवल्य को प्राप्त कर जाता है।
प्रश्न - योग का अर्थ क्या होता है?
उत्तर - योग आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक प्रथाओं का एक समूह है जिसकी उत्पत्ति प्राचीन भारत में हुई थी। योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़ना। योग शारीरिक व्यायाम, शारीरिक मुद्रा (आसन), ध्यान, सांस लेने की तकनीकों और व्यायाम को जोड़ता है। इस शब्द का अर्थ ही ‘योग’ या भौतिक का स्वयं के भीतरआध्यात्मिक के साथ मिलन है।
प्रश्न - योग के पिता के रूप में कौन जाना जाता है?
उत्तर - योग के पिता के रूप में महर्षि पतंजलि को जाना जाता है। योग की परंपरा भारतीय समाज में हजारों सालों से है। बता दें कि योग को भारत में करीब 26000 साल पहले की देन माना जाता है।
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