भारत के प्रमुख दर्रे || Major Passes of India
भारत के प्रमुख दर्रे || Major Passes in India
भारत के प्रमुख दर्रे - भारत के दर्रों को दो भागों में बांटा गया है -
(१) हिमालय के पर्वतीय क्षेत्र के दर्रे
(२) प्रायद्वीपीय पठार के दर्रे
प्रकृति नें हमें अनेक प्रकार के उपहार दिए है, इनमें से वायु, प्रकाश अनेक प्रकार के खनिज पदार्थ, फलदार वृक्षों के साथ-साथ औषधियां बनाने के लिए अनेक प्रकार की वनस्पतियां आदि है। इसके साथ ही प्रकृति की दी हुई अनोखी रचना पहाड़ों के बीच से निकले हुए रस्ते है, जिन्हें दर्रे के नाम से जाना जाता है |
यह दर्रे देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने के साथ ही विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग किये जाते | भारत के प्रमुख दर्रे के नाम और उनके राज्य, मैप,Trick, PDF के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी दे रहे है -
भारत के प्रमुख दर्रे के नाम और उनके राज्य (Names of Major Passes Of India And Their States)
दर्रे का मतलब दो पहाड़ो के बीच एक ऐसी जगह होती है, जिसका निर्माण नदियों के बहनें के कारण होता है दूसरे शब्दों में कहे तो, पहाड़ियों एवं पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ो के बीच प्राकृतिक रूप से बनने वाले रास्ते को दर्रा कहते है | हालाँकि इन दर्रों के बननें के कई अन्य कारण जैसे कि भूकम्प (Earthquake), ज्वालामुखी (Volcano), जमीन का खिसकना (Slipping Ground) आदि भी हो सकता है ।
दर्रा - पहाड़ों के बीच की जगह या जहां से आवागमन के प्राकृतिक मार्ग उनको दर्रा कहा जाता है इनका उपयोग व्यापार, परिवहन, युद्ध का अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है ।
(1) हिमालय पर्वतीय क्षेत्रों के दरें -
(१) जम्मू कश्मीर या लद्दाख के दरें : -
काराकोरम दर्रा
•ये भारत का सबसे ऊंचा दर्रा (5654 मी.) है ।
• ये लद्दाख क्षेत्र में स्थित है ।
•काराकोरम पर्वत श्रेणी में स्थित
• पाक अधिकृत कश्मीर तथा चीन को जोड़ता है
बुर्जिल दर्रा
•श्रीनगर को गिलगित से जोड़ता है
•इसकी ऊंचाई 4100 मी. है।
जोजिला दर्रा
•जॉस्कर पर्वत श्रेणी में स्थित
• कश्मीर घाटी को लेह से जोड़ता है
• इसकी ऊंचाई 3528 मी. है।
• इसका निर्माण सिंधु नदी द्वारा
पीरपंजाल दर्रा
• पीरपंजाल श्रेणी में स्थित ।
• इसकी ऊंचाई 3490 मी. है।
•कुलगांव से कोठी जाने का रास्ता ।
बनिहाल दर्रा
•पीरपंजाल पर्वत श्रेणी में स्थित ।
• जम्मू और श्रीनगर को जोड़ता है।
•जवाहर सुरंग इसी दर्रे में स्थित है
• इसकी ऊंचाई 2832 मी. है।
(२) उत्तराखंड के दर्रे :
लिपुलेख दर्रा
• पिथौरागढ़ को तिब्बत से जोड़ता है ।
•इसकी ऊंचाई 5334 मी. है।
•कैलाश पर्वत व मानसरोवर जाने वाले यात्रियों का मार्ग ।
माना दर्रा
• माणा गांव को तिब्बत से जोड़ता है ।
• इसकी ऊंचाई 5545 मी. है।
नीति दर्रा
• उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है
• इसकी ऊंचाई 5068 मी. है।
(३) सिक्किम के दर्रे :
नाथूला दर्रा
•सिक्किम को चुम्भी घाटी से जोड़ता है
•इसकी ऊंचाई 4310 मी. है।
जोजेप्ला दर्रा
•सिक्किम को भूटान से जोड़ता है
• इसकी ऊंचाई 4270 मी. है। • तीस्ता नदी के द्वारा निर्माण
(४) अरुणाचल प्रदेश के दर्रे :
बोमडिला दर्रा
• तवांग को तिब्बत से जोड़ता है
•इसकी ऊंचाई 2217 मी. है
यांगयाप दर्रा
•भारत और तिब्बत की सीमा पर स्थित |
•ब्रह्मपुत्र नदी का प्रवेश द्वार ।
दिफू दर्रा
•भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित ।
(५) मणिपुर के दर्रे :
तुजू दर्रा
• इंफाल से तामू व म्यांमार जाने का मार्ग
(६) हिमाचल प्रदेश के दर्रे :
शिपकीला दर्रा
• शिमला से तिब्बत को जोड़ता है।
• जॉस्कर पर्वत श्रेणी में स्थित
• इसकी ऊंचाई 4300 मी. है।
•सतलज नदी का प्रवेश द्वार
बड़ालाचाला दर्रा
•मंडी से लेह जाने का मार्ग ।
• जॉस्कर पर्वत श्रेणी में स्थित
•इसकी ऊंचाई 4843 मी. है।
रोहतांग दर्रा
•पीर पंजाल श्रेणी में स्थित
•मनाली को लेह से जोड़ता है
• इसकी ऊंचाई 4620 मी. है।
(2) प्रायद्वीपीय पठार के दर्रे -
(१) महाराष्ट्र के दर्रे :
थालघाट दर्रा
•मुंबई को नासिक से जोड़ता है ।
• इसकी ऊंचाई 583 मी. है।
•मुंबई- नागपुर- कोलकाता रेल मार्ग तथा सड़क
मार्ग |
भोरघाट दर्रा
•मुंबई को पूणें तथा चेन्नई से जोड़ता है ।
• इसकी ऊंचाई 548 मी. है।
•मुंबई- पुणे- बेलगांव- चेन्नई रेल मार्ग व सड़क
मार्ग ।
(२) केरल के दर्रे :
पालघाट दर्रा
• कोझिकोड व कोयंबटूर को जोड़ता है
• इसकी ऊंचाई 300 मी. है।
• अन्नामलाई व नीलगिरी की पहाड़ियों के बीच
स्थित है ।
• कालीकट- त्रिचूर- कोयंबटूर रेल मार्ग व सड़क
मार्ग |
शेनकोट्टा गैप
• तिरुवंतपुरम व मदुरै को जोड़ता है
• इलायची पहाड़ियों में स्थित ।
• इसकी ऊंचाई 210 मी. है।
पालघाट दर्रा - केरल -कोझिकोड व कोयंबटूर जोड़ता है।
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