पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय। Pandit Jawahar Lal Nehru Biography in Hindi

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पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय। Pandit Jawahar Lal Nehru Biography in Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय। Pandit Jawahar Lal Nehru Biography in Hindi 

प्रस्तावना-आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिन को बाल दिवस और चिल्ड्रेंस डे कहा जाता है जिसे हम बाल दिवस भी कहते हैं क्योंकि नेहरू जी को बच्चे बहुत पसंद थे और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। अगर हम नेहरू जी के जीवन को विस्तार से पढ़े तो हमें उनके जीवन से ढेर सारी सीखने को मिलती है। नेहरू जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे देश को आजाद कराने के लिए नेहरू जी ने महात्मा गांधी का साथ दिया था नेहरू जी के अंदर देशप्रेम की ललक साफ दिखाई देती थी महात्मा गांधी उन्हें एक शिष्य मानते थे। जो उनके प्रिय थे नेहरू जी को व्यापक रूप से आधुनिक भारत का रचयिता माना जाता है।


नाम  – पंडित जवाहरलाल नेहरू


उपनाम – चाचा नेहरू


जन्म – 14 नवंबर 1889


जन्म स्थान – इलाहाबाद (अब प्रयागराज) उत्तर प्रदेश


पिता का नाम – मोतीलाल नेहरू


माता का नाम – स्वरूप रानी नेहरू


पत्नी का नाम – कमला नेहरू (1916)


धर्म – हिंदू


जाति – ब्राह्मण


वैवाहिक स्थिति – विवाहित


व्यवसाय – राजनीति


राजनीतिक पार्टी – इंडियन नेशनल कांग्रेस


बच्चे – इंदिरा गांधी


पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु – 27 मई 1964 नई दिल्ली


प्राप्त पुरस्कार – 15 जुलाई 1955 को चाचा नेहरू भारत रत्न के सम्मान से नवाजे गए।


पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय। Pandit Jawahar Lal Nehru Biography in Hindi

पंडित जवाहर लाल नेहरू नेहरू का जीवन परिचय - 14 नवंबर 1889 नेहरू जी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और इनकी माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था इनके पिताजी मशहूर बैरिस्टर और समाजवादी थे। नेहरू जी इकलौते बेटे थे और तीन बहने भी थी। उन्होंने देश-विदेश के नामी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की थी और इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से कानून शास्त्र में पारंगत हुए।

7 वर्ष इंग्लैंड में रहकर फेबियन समाजवाद एवं आयरिश राष्ट्रवाद की जानकारी विकसित की नेहरु जी भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री थे अतः आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे इनका जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अत्यधिक प्रेम होने के कारण अपना जन्म दिवस बाल दिवस के रूप में मनाने को कहा जवाहरलाल नेहरू जी का जीवन भी अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तरह रहा  है। कहां जाता है कि बच्चो से अत्यधिक प्रेम होने के कारण उन्हें बच्चे प्यार से चाचा जी कहकर पुकारते थे महात्मा गांधी जी ने अपना शिष्य मानते थे। जवाहरलाल जी के अंदर अपने देश के लिए बहुत प्रेम था।


प्रारंभिक जीवन एवं परिवार –


जवाहरलाल नेहरु जी को उनके पिता मोतीलाल नेहरु जी ने 15 वर्ष की आयु में स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए इंग्लैंड के हैरो स्कूल में भेज दिया। इसके पश्चात नेहरु जी ने अपने कॉलेज की शिक्षा टि्निटी कॉलेज कैंब्रिज लंदन से पूरी की इसके बाद उन्होंने लॉ में डिग्री हासिल करने के लिए कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लिया इंग्लैंड में नेहरु जी ने 7 साल व्यतीत किए जिसमें वहां के फेबियन समाजवाद और आयरिश राष्ट्रवाद के लिए उन्होंने एक तर्कसंगत दृष्टिकोण विकसित किया। इंग्लैंड में लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद नेहरू जी 1912 में भारत लौटे और वकालत शुरू की।


1916 मैं इन्होंने कमला नेहरू से शादी कर ली फिर 1917 में जवाहरलाल नेहरू होमरूल लीग में शामिल हुए। 1919 में उनका संपर्क महात्मा गांधी जी से हुआ नेहरू जी गांधीजी के सक्रीय लेकिन शांतिपूर्ण विचारधारा से प्रभावित हुए गांधीजी के उपदेशों के अनुसार उन्होंने अपने पिता मोतीलाल नेहरू की संपत्ति का त्याग किया। अब उन्होंने गांधी जी के बताए हुए मार्ग पर चलने का निर्णय किया था। वे अब खादी के कपड़े और गांधी टोपी पहनने लगे 1920 से 1922 के असहयोग आंदोलन में उन्होंने सक्रीय हिस्सा लिया था और इस दौरान उन्हें पहली बार गिरफ्तार किया गया था 1926 में जवाहर लाल नेहरू अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने 1929 में कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। इसी सत्र के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग की गई थी।


जवाहरलाल नेहरू 26 जनवरी 1930 को लाहौर में स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नेहरू जी को गिरफ्तार किया गया। था 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ। महात्मा गांधी जी के कहने पर जवाहरलाल नेहरू जी को आजाद देश का सर्वप्रथम प्रधानमंत्री बनाया गया जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


जवाहरलाल नेहरू का राजनीतिक सफर एवं उपलब्धियां


1912 में नेहरू जी ने भारत लौटकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बैरिस्टर के रूप में कार्यरत हुए। 1916 में नेहरू जी ने कमला नामक युवती से विवाह किया। 1917 में वे होम रूल लीग से जुड़ गए 1919 में नेहरू जी गांधी जी के संपर्क में आए जहां उनके विचारों ने नेहरू जी को बहुत प्रभावित किया और राजनीति ज्ञान इन्हें गांधी जी के नेतृत्व में ही प्राप्त हुआ। यही वह समय था जब नेहरू जी ने पहली बार भारत की राजनीति में कदम रखा था। और उसे इतने करीब से देखा था। 1919 में गांधी जी ने रोलेट अधिनियम के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा था नेहरू जी गांधी जी के सामने अवज्ञा आंदोलन से बहुत प्रभावित थे नेहरू जी के साथ उनके परिवार ने भी गांधीजी का अनुसरण किया मोतीलाल नेहरू ने अपनी संपत्ति का त्याग कर खाली परिवेश धारण किया। 1920 से 1922 में गांधी जी द्वारा किए गए असहयोग आंदोलन में नेहरू जी ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया इस वक्त नेहरू जी पहली बार जेल गए 1924 में इलाहाबाद नगर निगम के अध्यक्ष के रूप में 2 वर्षों तक शहर की सेवा की 1926 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। 1926 से 1928 तक नेहरू जी अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव बने गांधी जी को नेहरू जी ने भारत देश का एक महान नेता नजर आ रहा था।


1928 से 1929 में मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेश के वार्षिक सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में दो गुट बने पहले गुट में नेहरू जी एवं सुभाष चंद्र बोस ने स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया और दूसरे गुट में मोतीलाल नेहरू और अन्य नेताओं ने सरकार के अधीन ही प्रभुत्व संपन्न राज्य की मांग की। इस दो प्रस्ताव की लड़ाई में गांधीजी ने बीच का रास्ता निकाला उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को 2 वर्षों का समय दिया जाएगा। ताकि वह भारत को राज्य का दर्जा दें अन्यथा कांग्रेश एक राष्ट्रीय लड़ाई को जन्म देगी परंतु सरकार ने कोई उचित जवाब नहीं दिया। नेहरू जी की अध्यक्षता में दिसंबर 1929 में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन लाहौर में किया गया। इसमें सभी ने एकमत होकर पूर्ण स्वराज की मांग का प्रस्ताव पारित किया। 26 जनवरी 1930 में लाहौर में नेहरू जी ने स्वतंत्र भारत का ध्वज लहराया 1930 में गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का जोरों से आव्हान किया। जो इतना सफल रहा कि ब्रिटिश सरकार को महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए झुकना ही पड़ा।


1935 में जब ब्रिटिश सरकार ने भारत अधिनियम का प्रस्ताव पारित किया। तब कांग्रेस ने चुनाव लड़ने का फैसला किया नेहरू ने चुनाव के बाहर रहकर ही पार्टी का समर्थन किया। कांग्रेस ने हर प्रदेश में सरकार बनाई और सबसे अधिक जगहों पर जीत हासिल की 1936 से 1937 में नेहरू जी की कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 1942 में गांधी जी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन के बीच नेहरू जी को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद वह 1945 में जेल से बाहर आए 1947 में भारत एवं पाकिस्तान की आजादी के समय नेहरू जी ने सरकार के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


देश के प्रथम प्रधानमंत्री का चुनाव


1947 में भारत आजादी के वक्त कांग्रेस में प्रधानमंत्री की दावेदारी के लिए चुनाव किए गए जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल एवं आचार कृपलानी को सर्वाधिक मत प्राप्त हुए पर गांधीजी के आग्रह पर जवाहरलाल नेहरू भारत का प्रथम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया इसके बाद नेहरू जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने।


स्वतंत्रता के बाद भारत को सही तरह से गठित कर उसका नृत्य कर एक मजबूत राष्ट्र की नींव के निर्माण का कार्य नेहरू जी ने शिद्दत के साथ निभाया। भारत को आर्थिक रूप से निर्मित बनाने के लिए भी इन्होंने बहुत अहम योगदान दिया। आधुनिक भारत के सपम की मजबूत नींव का निर्माण किया इन्होंने शांति एवं संगठन के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन की रचना की।इनकी बहुत मेहनत के बावजूद यह पाकिस्तान और चीन से मैत्रीपूर्ण संबंध नहीं बना पाए।


जवाहरलाल नेहरू जी की मृत्यु कब हुई एवं कैसे हुई


नेहरू जी ने अपने पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिए हमेशा प्रयास किए। उनकी सोच थी कि हमें अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना चाहिए लेकिन 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया। जिससे नेहरू जी को बहुत आघात पहुंचा पाकिस्तान से भी कश्मीर मसले के चलते कभी अच्छे संबंध नहीं बन पाए।


नेहरू जी को 27 मई 1962 को दिल का दौरा पड़ने से स्वर्गवास हो गया उनकी मौत भारत देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति थी।


देश के महान नेताओं व स्वतंत्रता संग्रामी के रूप में उन्हें आज भी याद किया जाता है। उनकी याद में बहुत सी योजनाएं सड़क बनाई गई जवाहरलाल नेहरू स्कूल जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल आदि की शुरुआत इन्हीं के सम्मान में की गई।


महत्वपूर्ण प्रश्न


प्रश्न -1 जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ था?

उत्तर पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था।


प्रश्न-2 दो जवाहरलाल नेहरू का जन्म कहां हुआ?

उत्तर जवाहरलाल नेहरू का जन्म इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था।


प्रश्न- 3 पंडित जवाहरलाल नेहरू का नारा क्या है?

उत्तर आराम हराम है का नारा जवाहरलाल नेहरू ने दिया था तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था करो या मरो का नारा महात्मा गांधी ने दिया था।


प्रश्न- 4 पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री कब बने?

उत्तर पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री 1947 में बने थे।


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