CG Board Assignment- 06 Class-12th Political Science Full Paper solution January 2022
छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट- 06 राजनीति विज्ञान सम्पूर्ण पेपर सलूशन जनवरी 2022
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर
शैक्षणिक सत्र 2021-22 माह जनवरी
असाइनमेंट - 06
कक्षा बारहवीं
विषय – राजनीति विज्ञान
पूर्णांक-20
निर्देश दिए गए सभी प्रश्नों को निर्देशानुसार हल कीजिए । :
Instruction Attempt all the question as per given instructions.
प्रश्न 1. जन आंदोलन से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
अंक - 4 शब्दसीमा 75-100
Q. 1. What do we learn from the Mass Movement?
उत्तर- जन आंदोलन का इतिहास हमें लोकतांत्रिक राजनीति को बेहतर ढंग से समझने में मदद देता है। हमने देखा कि इस तरह के गैर दलीय आंदोलन अनियमित ढंग से खड़े नहीं हो जाते। उन्हें समस्या के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। इन आंदोलन का उद्देश्य दलीय राजनीति की खामियों को दूर करना था। इस रूप में, इन आंदोलनों को देश की लोकतांत्रिक राजनीति के अहम हिस्से के तौर पर देखा जाना चाहिए।
सामाजिक आंदोलनों ने समाज के निम्न वर्गों के सामाजिक आर्थिक समस्याओं को अभिव्यक्ति दी जो अपनी दिक्कतों को चुनावी राजनीति के जरिए हल नहीं कर पा रहे थे।
विभिन्न सामाजिक समूहों के लिए यह आंदोलन अपनी बात रखने का बेहतर माध्यम बनकर उभरे। समाज के गहरे तनाव और जनता के शौक को एक सार्थक दिशा देकर इस आंदोलन में एक तरह से लोकतंत्र की रक्षा की है। सक्रिय भागीदारी के नए रूपों के प्रयोग में भारतीय लोकतंत्र के जनाधार को बढ़ाया है इन आंदोलनों के आलोचक अक्सर यह दलील देते हैं कि हड़ताल धरना और रैली जैसी सामूहिक कार्रवाई उसे सरकार के कामकाज पर बुरा असर पड़ता है उनके अनुसार इस तरह की परिस्थितियों को सरकार को निर्णय प्रक्रिया बाधित होती है
तथा रोजमर्रा की लोकतांत्रिक व्यवस्था मांग होती है।
प्रश्न 2. किन्हीं चार प्रमुख नेताओं का उल्लेख कीजिए जिन्होने समाज के दलितों के कल्याण के लिए प्रयास किए? अंक-4 शब्दसीमा 75-100
Q. 2. Mention any four Prominent leaders who made efforts for the welfare of the downtrodden of the Society?
उत्तर- मोरारजी देसाई- स्वतंत्रता सेनानी गांधीवादी नेता खादी प्राकृतिक चिकित्सा और निग्रह के प्रतिपादक मुंबई प्रांत के मुख्यमंत्री सन 1967-1969 के बीच उप प्रधानमंत्री पार्टी में टूट के बाद कांग्रेसो में शामिल सन 1977 1979 तक एक गैर कांग्रेसी दल की तरफ से - प्रधानमंत्री रहे।
चौधरी चरण सिंह- जुलाई सन 1979 से जनवरी 1980 के बीच भारत के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता सेनानी उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय; ग्रामीण एवं कृषि विकास के समर्थकः कांग्रेस छोड़ी और सन 1964 में भारतीय का क्रांति दल का गठन उत्तर प्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री; बाद में सन 1977 में जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक, उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सन 1977 1979; लोक दल के संस्थापक।
जगजीवन राम स्वतंत्रता सेनानी एवं बिहार के कांग्रेसी नेता सन 1977 1979 के बीच भारत के उप प्रधानमंत्री; संविधान सभा के सदस्य; सन 1952 से मृत्युपर्यंत सांसद स्वतंत्र भारत के पहले मंत्रिमंडल में श्रम मंत्री सन 1952 से 1977 के बीच अनेक मंत्रालयों की जिम्मेदारी; विद्वान और कुशल प्रशासक ।
नीलम संजीव रेड्डी- जो जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में सन 1977 में भारत के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए निर्विरोध चुनाव जीतने वाले वे भारत के एकमात्र राष्ट्रपति हैं। यह वही नीलम संजीव रेड्डी है। जो सन 1969 में कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस की आंतरिक कलह के कारण राष्ट्रपति का चुनाव हार गए थे।
प्रश्न 3. आपातकाल के दौर के बाद में भाजपा एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरी इस दौरान में इस पार्टी के विकास क्रम का उल्लेख कीजिए। अंक 6 शब्दसीमा 150-200
Q. 3. Mension the Course of development of this Party in the Post Emergency Period when the BJP emerged as an important force.
उत्तर- आपातकाल के दौरान भाजपा पार्टी के विकार आपातकाल के दौरान 42 वें संविधान संशोधन, सन 1976 द्वारा संविधान में जो अलोकतांत्रिक संशोधन किए गए थे जनता पार्टी ने 44 वें संविधान संशोधन सन 1978 द्वारा उन्हें सुधारने का प्रयास किया गया। नागरिकों के अधिकारों, संचार माध्यमों की स्वतंत्रता तथा नगर न्यायपालिका की स्वतंत्रता की पूर्ण स्थापना की गई समाजवादी नीतियों को लागू करने के लिए इसी संशोधन द्वारा संपत्ति के मौलिक अधिकार को समाप्त कर उसे कानूनी अधिकार का दर्जा दिया गया।
जनता पार्टी की सरकार ने नेहरू के समाजवाद के स्थान पर गांधीवादी समाजवाद की अवधारणा को अपनाने का प्रयास किया इसके अंतर्गत छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन गरीबों के उत्थान के लिए अंत्योदय कार्यक्रम पंचायतों को मजबूत बनाकर सत्ता किंग विकेंद्रीकरण का प्रयास किया गया ग्राम पंचायतों को मजबूत करने के सुझाव देने के लिए सन 1977 में अशोक मेहता कमिटी का गठन किया गया।
अशोक मेहता उस समय के प्रसिद्ध समाजवादी नेता थे मेहता कमेटी ने सन 1978 में पंचायतों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें प्रस्तुत की लेकिन जनता पार्टी की सरकार के पतन के कारण सिफारिशों को लागू नहीं किया जा सका।
इंदिरा गांधी के शासन काल में भारत की विदेश नीति का झुकाव सोवियत गुट की तरफ अधिक हो गया था तथा अमेरिका से संबंध अच्छे नहीं थे अतः जनता पार्टी सरकार ने विदेश नीति के मामले में वास्तविक गुटनिरपेक्षता को लागू करने की बात कही इसके अंतर्गत दोनों महा शक्तियों सोवियत संघ और अमेरिका के साथ संतुलन संबंधों को बनाने की बात शामिल थी।
प्रश्न 4. सामाजिक रुप से कमजोर वर्गों की राजनीतिक सशक्तिकरण पर निबंध लिखिए।
अंक-6 शब्दसीमा 150-200
Q. 4. Write an essay on Political empowerment of Socially weaker Sections.
उत्तर- सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग मुक्ति आंदोलन का स्वरूप पूरी तरह भारत के सामाजिक संरचना पर आधारित है। सामाजिक रुप से कमजोर वर्ग समस्या जाति व्यवस्था की देन है। भारत की सामाजिक व्यवस्था में कुछ जातियों को सामाजिक पतन के दौर में गुण अथवा हिन मानते हुए सबसे नीचे का स्थान प्रदान कर दिया गया। इसका परिणाम यह निकला कि सदियों से कमजोर बनाया बड़ा तबका मुख्यधारा से अलग-थलग रहा और उन्हें वे कार्य सौपे गए जो साधारणतया लाभकारी और पवित्र माने जाते थे। किंतु भारतीय
पुनर्जागरण के दौर में जाति व्यवस्था को चिरस्थाई बनाने वाले राजनीतिक और आर्थिक आधार धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगे स्वामी विवेकानंद, एनी बेसेंट, ज्योतिबा फुले, मद्रास के वेंकटरमन, श्री राम
नारायण, गुरु स्वामी ने अपनी जोरदार वाणी और कर्म से सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग मुक्ति का कार्य प्रारंभ किया। रामस्वामी नायकर का स्वाभिमान आंदोलन सेल्फ रिस्पेक्ट मूवमेंट द्रविड़ मुनेत्र कड़गम आंदोलन में गांधीजी का अस्पृश्यता निवारण कार्य सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंबेडकर के सामाजिक रुप से कमजोर करने का प्रयास किए गए थे। मार्च सन 1927 का आहार सत्याग्रह अमरावती में अंबा देवी मंदिर प्रवेश सन 1927, ठाकुरद्वारा मंदिर प्रवेश 1927, मुंबई में गणपति प्रांगण प्रवेश 1929 तथा नासिक में काला राम मंदिर प्रवेश मार्च-अप्रैल सन 1930 1 सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग के हितों को प्रकाश में लाने के उद्देश्य से अंबेडकर ने मूलनायक सन 1920 तथा बहिष्कृत भारत 1927 के प्रकाशन से में सक्रिय योगदान दिया। सन् 1924 में उन्होंने बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की तथा ऑल इंडिया शेड्यूल कास्ट फेडरेशन की स्थापना कि। सन 1927 में उन्होंने सामाजिक रुप से कमजोर वर्ग युवकों का एक शैक्षिक संगठन समता सैनिक दल की स्थापना की जिसका उद्देश्य सामाजिक का सामान ताजा ने सभी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष करना था | सामाजिक रुप से कमजोर वर्ग और श्रमिकों को राजनीतिक रूप से संगठित करने के 778 उद्देश्य से अंबेडकर ने स्वतंत्र मजदूर पार्टी सन 1936 की स्थापना के
समय के साथ-साथ सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग का कार्यक्रम सफल भी रहा किंतु फिर भी सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है।
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