Visheshan kise kahate Hain visheshan ki paribhasha bhed udaharan// विशेषण किसे कहते हैं

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Visheshan kise kahate Hain visheshan ki paribhasha bhed udaharan// विशेषण किसे कहते हैं

 

Visheshan kise kahate Hain ?paribhasha ,bhed, udaharan// विशेषण किसे कहते हैं ।

विशेषण किसे कहते हैं


नमस्कार दोस्तों हम इस आर्टिकल में आपको विशेषण की परिभाषा और विशेषण के सभी प्रकारों के बारे में बताएंगे यह टॉपिक आपका हिंदी व्याकरण का बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है जो कि आपके सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है इसमें हमने आपको विशेषण से संबंधित सभी प्रकार से जितने भी क्वेश्चन पूछे जाते हैं सभी उदाहरण सहित बताएं हुए हैं तो इनको आपको अच्छे से जरूर एक बार पढ़ लेना है इसी तरह से हिंदी व्याकरण के सभी टॉपिक जो आपके सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं उनके टॉपिक्वाइज उदाहरण सहित बहुत ही आसान शब्दों में दिए जा रहे हैं उनको जरूर आप एक बार पढ़ लीजिए।

विशेषण (visheshan)


जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।


जैसे -काला घोड़ा, मीठे फल, दस सेब, दो किलो चीनी, गोरा लड़का आदि। इन शब्दों में काला, मीठे, दस, दो किलो व गोरा शब्द विशेषण हैं।


घोड़ा बहुत काला है।


घोड़ा- विशेष्य

बहुत- प्रविशेषण

काला -विशेषण


विशेषण के भेद- visheshan ke bhed


विशेषण के चार भेद होते हैं-


1. गुणवाचक विशेषण


2. परिमाणवाचक विशेषण


3. संख्यावाचक विशेषण


4. सार्वनामिक विशेषण


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1. गुणवाचक विशेषण (gunvachak visheshan )- जिन शब्दों के द्वारा संज्ञा के गुण अथवा दोष, स्थिति ,दिशा ,दशा ,रंग ,रूप का बोध होता है, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं;


 जैसे -


गुण -दोष  ईमानदारी, परिश्रमी, मिलनसार, बुद्धिमान, पवित्र, अयोग्य,पापी, दुष्ट, चतुर, दानी, दयालु, सज्जन दुर्जन ।


दशा- रोगी, निरोगी, मोटा, पतला, धनवान, स्वस्थ, कमज़ोर,बलिष्ठ , बीमार , नया, पुराना, फटा।


दिशा-  पूर्व ,पश्चिम ,उत्तर, दक्षिण        


काल- प्राचीन काल ,भूतकाल ,भविष्य काल ,वर्तमान काल, ताजा ,बासी    


अवस्था- बूढ़ा, जवान, शिशु, बाल्यावस्था


स्वाद-  मीठा खट्टा तीखा


गंध- खुशबूदार, बदबूदार


स्पर्श- खटमल कोमल खुरदरा


 स्थान-  देश - जापानी, चीनी, भारतीय, मैदानी, पहाड़ी नेपाल पर्वतीय शहरी ग्रामीण ।


रूप, रंग- काली, पीली, गुलाबी, चमकीला, गेहुआ, गोरा, काला ,सुंदर ,नीला।


 आकार -प्रकार - छोटा, नाटा, आयताकार, पतला, चौड़ा, छोटा। 


स्वाद / गंध- फीका, तीखा, सुगंधित, गंधहीन, खट्टा


2. परिमाणवाचक विशेषण( parimanavachak visheshan)-जिन शब्दों से किसी संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या परिमाण की जानकारी होती है उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।


जैसे- पाँच लीटर, दो किलो, बहुत-सी, थोड़ा आदि।

पाँच किलो सेब दो


• बहुत सारे लोग हमारे घर आए।


•मैं ज्यादा मीठा नहीं खा सकता।


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इसके दो उपभेद होते हैं-



i- निश्चित परिमाणवाचक विशेषण (nishchit pariman vachak visheshan)-


ii- अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण ( anishchit parimanavachak visheshan)-


i-निश्चित परिमाणवाचक विशेषण( nishchit parimanavachak visheshan)- जिस शब्द से निश्चित माप- तौल संबंधी विशेषता का ज्ञान हो निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाता है।


जैसे- 10 मीटर रस्सी, 10 तोला सोना, 5 किलो गेहूं


ii- अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण (anishchit pariman vachak visheshan)- जिस शब्द से अनिश्चित माप- तौल संबंधी विशेषता का ज्ञान हो अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाता है।


जैसे- दसियो तोला सोना, पचासों तोला चांदी, दसियों किलो गेहूं, दसियो लीटर तेल, कुछ दूरी, थोड़ा पानी।


3. संख्यावाचक विशेषण (sankhyavachak visheshan)- जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।


 जैसे-पहला, चौथा, थोड़े, कई, दसवां आदि। 


संख्यावाचक विशेषण के दो भेद होते हैं -


(i) निश्चित संख्यावाचक (nishchit sankhyavachak visheshan)


 (ii) अनिश्चित संख्यावाचक (anishchit sankhyavachak visheshan)


(i) निश्चित संख्यावाचक( nishchit sankhyavachak visheshan)- विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की निश्चित संख्या का बोध होता है, उन्हें निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।


 जैसे- एक, तीन, चार, दस हजार आदि ।


अंक बोधक- 1,2,3,  पूर्ण ,अपूर्ण ,आधा ,डेढ़, ढाई , पौने तीन, सवा चार, सवा पांच 


 क्रम बोधक- पहला, दूसरा, तीसरा ,चौथा आदि।


 आवृत्ति बोधक - दोगुनी, तीन गुनी, इकहरा ,दोहरा


समुदाय बोधक- सबके सब ,दो के दोनों ,चार के चारों ,दस के दस 


समुच्चयबोधक- युग्म, दर्जन ,जोड़ा ,शतक ,अर्धशतक, चालीसा आदि।


प्रत्येक बोधक- प्रत्येक, हर एक, प्रतिवर्ष ,दो -दो, चार- चार , एक- एक आदि।


(ii) अनिश्चित संख्यावाचक( anishchit sankhyavachak visheshan)- जिन विशेषण शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की निश्चित संख्या का बोध न हो, उन्हें अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।


जैसे- कुछ ,थोड़े ,अनेक, कई ,काफी  दसियों बीसियो ,हजारों आदि ।


4. सार्वनामिक विशेषण (sarvnamic visheshan) - जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, वे सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।


जैसे-यह, वह, कोई, ऐसा, ऐसी, वैसा, वैसी आदि। यह सज्ञा शब्दों के पहले प्रयुक्त होकर विशेषण का कार्य करते हैं।


 जैसे-


• वह लड़की बहुत होशियार है।


• इस किताब को जरूर पढ़िए ।


•उनके घर आज कार्यक्रम है।


प्रविशेषण किसे कहते हैं


प्रविशेषण - विशेषण की विशेषता बतलाने वाले विशेषण को 'प्रविशेषण' कहते हैं। यह सामान्यतः विशेषण के गुणों में वृद्धि करता है। 


जैसे -- थोड़ा बहुत, अति, अत्यंत, अधिक अत्यधिक, बड़ा, बेहद, महा, घोर, ठीक, बिलकुल, लगभग आदि ।


दूध मीठा है। (मीठा - संज्ञा की विशेषता = विशेषण) 


दूध थोड़ा मीठा है । (थोड़ा -- विशेषण की विशेषता = प्रविशेषण)


वह पाँच बजे आएगा। (पाँच -- संज्ञा की विशेषता = विशेषण)


वह ठीक पाँच बजे आएगा। (ठीक-- विशेषण की विशेषता = प्रविशेषण) 


स्पष्ट है कि उपर्युक्त वाक्यों में प्रयुक्त 'थोड़ा' एवं 'ठीक' शब्द प्रविशेषण हैं, क्योंकि ये विशेषण की विशेषता बतलाते हैं।


विशेष्य किसे कहते हैं


विशेष्य -जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बतलायी जाती है, उस संज्ञा या सर्वनाम शब्द को 'विशेष्य' कहते हैं। 


जैसे --


लड़का लम्बा है। (लड़का - विशेष्य)


वह लम्बा है। (वह -- विशेष्य)


कलम लाल है। (कलम -- विशेष्य)


यह लाल है (यह -- विशेष्य)












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