भारत देश में लगने वाले प्रसिद्ध मेले // Bharat mein lagne vale prasidh mele

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भारत देश में लगने वाले प्रसिद्ध मेले // Bharat mein lagne vale prasidh mele

 भारत देश में लगने वाले प्रसिद्ध मेले // Bharat mein lagne vale prasidh mele

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दुनिया भर में भारत मे ही सबसे ज्यादा मेले होते है, क्योंकि मेला भारत की एक सांस्कृतिक और धार्मिक परम्परा है। भारत में होने वाले प्रत्येक मेले और त्यौहारों के पीछे कई धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्त्व का समावेश होता है । भारत के अलग - अलग राज्यों में होने वाले भव्य और प्रसिद्ध मेलों के बारे में अधिक जानने के लिए आईये देखते है कि भारत के प्रमुख मेले कौन कौन से है? मेला क्या है? देखें मेले की पूरी जानकारी ।


मेला किसे कहते है ?



जब किसी एक स्थान पर बहुत से लोग किसी सामाजिक, धार्मिक एवं व्यापारिक या अन्य कारणों से एकत्र होते हैं तो उसे मेला कहते हैं भारतवर्ष में लगभगहर माह मेले लगते रहते ही है सबसे बड़ा मेला कुम्भ मेला कहा जाता है।


मेला कब होता है ?


मेलों में भारतीय संस्कृति की झलक पाई जाती है । इन मेलों में सामाजिकता, संस्कृति आदि का अद्वितीय सम्मिलन होता है। मार्च, अप्रैल और मई में सबसे ज्यादा मेले लगते हैं, इसका कारण ये हो सकता है कि इस समय किसानों के पास कम काम होता है। जून, जुलाई, अगस्त ओर सितंबर में नहीं के बराबर मेले लगते हैं इस समय किसान सबसे अधिक व्यस्त होते हैं और बारिश का मौसम भी होता है।


मेले में आप क्या क्या खरीदते हैं ?


गुब्बारे से लेकर खिलौने, कपड़े, जूते, कलाकृतियां, बर्तन , रसोई के उपकरण, घरेलू उपकरण, फर्नीचर और बहुत सारे चीजे खरीदने के लिए होता है। बच्चे विशेष रूप से मेलों को पसंद करते हैं, क्योंकि उन्हें विभिन्न खिलौने खरीदने और विभिन्न प्रकार के झूलों और नौका पहियों पर खेलने के लिए मिलता है।


भारत के प्रमुख मेले कौन कौन से है ?


मेला भारतीय संस्कृति का प्रमुख अंग है। भारत में मेला आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक विविधताओं काअपूर्व संगम है । यहाँ सर्वाधिक मेले फरवरी मार्च और अप्रैल तथा मई माह में लगते हैं। तो आइए देखते है भारत के कौन कौन से मेले दुनियाभर में प्रसिद्ध है।


गंगासागर मेला - पश्चिम बंगाल


पश्चिम बंगाल में इस मेले का आयोजन कोलकाता के निकट हुगली नदी के तट पर ठीक उस स्थान पर किया जाता है, जहाँ पर गंगा बंगाल की खाड़ी में मिलती है। इसीलिए इस मेले का नाम गंगासागर मेला है । यह मेला विक्रमी संवत के अनुसार प्रतिवर्ष पौष मास के अन्तिम दिन लगता है ।


कुंभ मेला - प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक ,


कुम्भ पर्व हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु कुम्भ मेले में स्नान करते हैं। कुंभ मेला चार जगहों (प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक ) पर प्रत्येक 12 वर्ष में होता है। यह मेला मकर संक्रान्ति के दिन प्रारम्भ होता है, जब सूर्य और चन्द्रमा, वृश्चिक राशि में और वृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करते हैं मकर संक्रान्ति के होने वाले इस योग को " कुम्भ स्नान - योग " कहते हैं और इस दिन को विशेष मंगलकारी माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन पृथ्वी से उच्च लोकों के द्वार इस दिन खुलते हैं। यहाँ स्नान करना साक्षात् स्वर्ग दर्शन माना जाता है । इसका हिन्दू धर्म मे बहुत ज्यदा महत्व है ।


पुष्कर मेला - राजस्थान


पुष्कर ऊंट मेला या कार्तिक मेला जो राजस्थान में अजमेर से लगभग 11 किलोमीटर दूर पुष्कर कस्बे में हर साल आयोजित किए जाते हैं। पुष्कर राजस्थान का एक बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है। पुष्कर मेले में देश - विदेश से हजारों पर्यटक हर साल आते हैं। मेले के कुछ खास आकर्षणों में यंहा होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम हैं। पुष्कर मेला भारत का सबसे बड़ा पशु मेला है जो 9 दिनों के लिए आयोजित किया जाता है।


यह भारत का एकमात्र ऐसा स्थान भी है जहां भगवान ब्रह्मा की मंदिर हैं । ऐसा माना जाता है कि मंदिर के चारों ओर की झील को 33 मिलियन हिंदू देवताओं द्वारा कार्तिक पूर्णिमा की रात को पवित्र किया जाता है। पुष्कर मेला 100 साल से भी अधिक पुराना है और शुरू में इस मेले का आयोजन हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक के चंद्र माह में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता था।


सोनपुर मवेशी मेला - बिहार


सोनपुर मेला बिहार के सारण और वैशाली जिले की सीमा पर गंगा और गंडक नदी के मिलन स्थल सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा में लगता हैं। यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला हैं। मेले को ' हरिहर क्षेत्र मेला' के नाम से भी जाना जाता है जबकि स्थानीय लोग इसे छत्तर मेला पुकारते हैं। विश्व प्रसिद्ध सोनपुर पशु मेला विदेशी सैलानियों के लिए खास आकर्षण है । कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होकर अगले एक महीने तक चलने वाले सोनपुर मेले को देश - दुनिया में एशिया के सबसे बड़े पशु मेले के तौर पर जाना जाता है इस मेले में हाथी, घोड़े, ऊंट, कुत्ते, बिल्लियां और विभिन्न प्रकार के पक्षियों सहित कई दूसरी प्रजातियों के पशु - पक्षियों का बाजार सजता हैं।


हेमिस गोम्पा मेला - लद्दाख


हेमिस गोम्पा मेला लद्दाख का बहुत ही प्रसिद्ध मेला है ये भारत के प्रमुख मेले के रूप में शामिल हैं। जो लद्दाख में बौद्ध समुदाय द्वारा आयोजित किया जाता है । हेमिस गोम्पा मेला लद्दाख के सबसे बड़े बोद्ध मठ हेमिस गोम्पा में आयोजित किया जाता है। हेमिस गोम्पा मेला हर साल बौद्धिक कैलंडर के अनुसार पांचवे महीने में मनाया जाता है । हेमिस गोम्पा मेले का सबसे बड़ा आकर्षण है स्थानीय लोगों द्वारा मुखौटा पहनकर किए जाने वाला नृत्य है। हेमिस मठ 11 वीं शताब्दी के पहले से ही अस्तित्व में था, जिसे सन् 1962 में लद्दाख के राजा सेंग्गे नंग्याल द्वारा फिर से बनवाया गया ।


अम्बूबाची मेला - आसाम


आसाम के गुवाहाटी में कामाख्या देवी का मंदिर परिसर में यह मेला का आयोजन किया जाता है। भारत के पूर्वत्तर क्षेत्र में ये एक प्रमुख और बहुत ही प्रसिद्ध मेले है। अंबुबाची महोत्सव जब तक कामाख्या देवी का मासिक धर्म संपन्न होता है, तब तक यहां भव्य मेला लगता है । इसी मेले को अंबुबाची महोत्सव कहा जाता है । पुरातन काल की कथाओं के अनुसार भगवान शंकर की पहली पत्नी सती के मृतदेह के तकरीबन 51 टुकड़े पृथ्वी के विविध स्थानों पर गिरे थे जिस स्थान पर उनकी योनि गिरी थी, उसी स्थान पर कामाख्या देवी का मंदिर बना है।


कोलायत मेला - राजस्थान


राजस्थान के बीकानेर में होने वाला यह भब्य मेला भारत के प्रमुख मेले हैं। कोलायत में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे कोलायत मेला कहते हैं। कोलायत मेले में बड़ी संख्या में साधु – संत और श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। कोलायत मेले में पशुओं सहित अन्य वस्तुओं की खरीद फरोख्त की जाती है । कोलायत मेले में भैंस, ऊंट, घोड़े सहित अन्य मवेशी बेचे जाते हैं। यहां हर साल लगभग एक लाख तक की भीड़ इकठ्ठा होती है ।


बेणेश्वर धाम मेला - राजस्थान


भारत के प्रमुख मेल जो राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में माही, सोम और जाखम नदियों के पावन जल से घिरा प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण बेणेश्वर धाम मेला लगता है। जंहा हजारों लाखों की संख्या में लोग मेले और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। यहां विविध संस्कृतियों का नजारा भी यहां देखने को मिलता है टापू पर बेणेश्वर शिव का मंदिर है जिसे 500 वर्ष पहले डूंगरपुर के महारावल आसकरण ने बनवाया था।


चंद्रभागा मेला - राजस्थान


राजस्थान के झालरापाटन में हर साल कार्तिक महीने में चंद्रभागा मेला लगता है। भारत के ये प्रमुख मेले चंद्रभागा नदी के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन दूर दूर से श्रद्धालु आकर डुबकी लगाते हैं। लोग पारंपरिक परिधान पहन कर आते हैं और सबसे पहले नदी में स्नान करके अराधना करते हैं, फिर मेला घूमते हैं। यहां की ख़ासियत पशु मेले की भी है । पशु पालन विभाग की देख रेख में बहुत बड़ा पशु मेला लगता है, जिसमें कई अलग अलग पशु प्रदर्शित होते हैं। यंहा लाखों की संख्या में लोग मेला घूमने आते हैं।


नौचंडी मेला - उत्तर प्रदेश


भारत के प्रमुख मेले नौचंडी मेला उत्तरप्रदेश के मेरठ में यह मेला प्रति वर्ष लगता है और यह ऐतिहासिक हिन्दू- मुस्लिम एकता का प्रतीक है । चैत्र मास के नवरात्रि त्यौहार से एक सप्ताह पहले लगता है और एक माह तक चलता है। मेले में हर साल लाखों की संख्या में लोग मेले का आनंद लेने आते हैं।


सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला - हरियाणा


सूरजकुंड मेला हरियाणा के जिले फरीदाबाद में आयोजित किया जाता है। यह मेला प्रतिवर्ष फरवरी माह में आयोजित किया जाता है . यह एक हस्त शिल्प मेला है जिसमें राष्ट्रीय . स्तर के प्रसिद्ध हस्त शिल्पियों व कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है। इस मेले में देश विदेश के कलाकार होते है। वर्तमान में इस मेले में हस्तशिल्पी और हथकरघा कारीगरों के अलावा विविध अंचलों की वस्त्र परंपरा, लोक कला, 1 लोक व्यंजनों के अतिरिक्त लोक संगीत और लोक नृत्यों का भी संगम होता है । इस मेले में हर वर्ष किसी एक राज्य को थीम बना कर उसकी कला, संस्कृति, सामाजिक परिवेश और परंपराओं को प्रदर्शित किया जाता है।


माघ मेला - प्रयागराज


भारत के प्रमुख मेले और दुनिया भर में सबसे बड़ा कहे जाने वाला माघ मेला उत्तरप्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में जनवरी - फरवरी माह में यहां पवित्र 'संगम' के किनारे विश्व प्रसिद्ध माघ मेला आयोजित होता है बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं। इस माघ मेले को कल्पवास भी कहा जाता है। माघ मेला हिन्दुओं का सर्वाधिक प्रिय धार्मिक एवं सांस्कृतिक मेला है। यंहा देश विदेश से लोग मेला देखने आते है।


श्रावणी मेला - झाड़खंड


झाड़खंड के देवघर में श्रावण के महीने के दौरान बाबाधाम का महत्व बढ़ता है। और भारत के एक और प्रमुख मेले का आयोजन होता है। जंहा लाखो की संख्या में लोग आते है। यह दुनिया का सबसे लंबा धार्मिक मेला है यह अनुमान लगाया जाता है कि एक महीने की इस अवधि में लगभग 50 लाख तीर्थयात्री बाबादम जाते हैं।


मेडारम जात्रा - तेलंगाना


दक्षिण भारत के प्रमुख मेले मेडारम जात्रा हर दो साल में एक बार आयोजित किया जाता है। ये दक्षिण भारत के कुंभ मेले के तौर पर मशहूर है। समक्का - सारलम्मा देवी के दर्शन हेतु इस जात्रा में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां मुर्गे और बकरों की बलि दी जाती है इसके अलावा नारियल और गुड़ विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं। चार दिवसीय जात्रा में देश - विदेश के करीब डेढ़ करोड़ लोगों आते है। इसे आदिवासियों का महाकुंभ भी कहा जाता है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया है।


त्रिशूर पूर्णम - केरल


भारत के दक्षिण में केरल राज्य के प्रमुख मेले, थेक्किनाडु मैदान पर्वत पर स्थित वडक्कुन्नाथन मंदिर में, नगर के बीचोंबीच आयोजित होता है। यह मलयाली मेडम मास की पूरम तिथि को मनाया जाता है। त्रिशूर पूरम त्रिशूर नगर का वार्षिकोत्सव है यह भव्य रंगीन मंदिर उत्सव केरल के सभी भाग से लोगों को आकर्षित करता है त्रिशूर में हाथियों का जुलूस सभी के आकर्षण का केंद्र रहता है जिसे देखने के लिए भारत के अलावा दुनिया भर के पर्यटक आते हैं ।



छत्तीसगढ़ के प्रमुख मेले :


• राजिम का मेला - फरवरी मार्च के माह में महानदी -- के तीर्थस्थान के नाम से प्रसिद्ध राजीव लोचन व शिवमंदिर के पास एक माह तक लगने वाला यह प्रख्यात मेला है, महाशिवरात्रि मेले का प्रमुख दिन है ।


• बस्तर का मड़ई मेला दीपावली के बाद बस्तर के - अनेक गाँवों में मड़ई मेला लगता है, इसके आस पास समस्त क्षेत्र के लोग एकत्रित होते है। 


आँगा देव शंकरजी का मेला- बिलासपुर में कनकी स्थान पर 130 वर्षों से यह मेला लग रहा है। सात दिन तक चलने वाला यह मेला महाशिवरात्रि के अवसर पर लगता है।


खल्लारी मेला - नवरात्र के समय महासमुंद में लगता है। इस अवसर पर आस पास के लोग मेला का आंनद लेने पहुंचते है। और लोगो मे बहुत उत्साह देखने को मिलता है।


• बस्तर का दशहरा मेला- यह प्रसिद्ध आदिवासी मेला  जो अक्टूबर माह में आयोजित होता है। इसमें लकड़ी के विशाल रथ बनाये जाते हैं, जिन्हें हजारों आदिवासी श्रद्धापूर्वक खींचते हैं यह उत्सव कई महीनों पूर्व प्रारंभ हो जाता है।


माँ बमलेश्वरी मेला- यह राजनांदगाँव जिले में दोनों नवरात्रि के अवसर पर डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर लगता है।


शिवरीनारायण मेला - प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि फरवरी तक शिवरीनारायण में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है ।


सिहावा का श्रृंगी ऋषि का मेला - यह मेला माघी पूर्णिमा को लगता है। यह महानदी का उद्गम स्थल है, अत: इस मेले में हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।


छत्तीसगढ़ के अन्य प्रमुख मेले -


•सिरपुर का मेला -सिरपुर ( महासमुंद)


•जाजल्यदेव देव महाउत्सव (जांजगीर)


• रतनपुर का मेला- रतनपुर (बिलासपुर )


• दशहरा मेला- जगदलपुर (बस्तर)


•कर्णेश्वर का मेला- देउरपारा, बुनेसर (सिहावा)


• बम्हनी का मेला -बम्हनी ( महासमुंद)


• चम्पारण का मेला -चम्पारण, राजिम (रायपुर)


• चण्डी मेला- बिरकोनी ( महासमुंद)


•दन्तेश्वरी मेला -दन्तेवाड़ा


•गिरोधपुरी का मेला- गिरोधपुर (रायपुर)


•महादेव घाट का मेला -रायपुरा, (रायपुर)


•भोरमदेव मेला -भोरमदेव (कवर्धा)


•माँ बंजारी धाम खपरीभट्टी तिल्दा (रायपुर)


•नरसिंह मेला -रायपुर


•डोंगापथरा मेला -खरेंगा (धमतरी)


•रुद्रेश्वर मेला -रुद्री (धमतरी)


•बिलाइमाता का मेला- धमतरी


•कबीरपंथियों का मेला -कुदुरमाला (चम्पा)


•दामाखेड़ा का मेला- दामाखेड़ा रायपुर- दामाखेड़ा छत्तीसगढ़ कबीरपंथी लोगों का प्रमुख दार्शनिक स्थान है ।


•तुरतुरिया में वाल्मीकि मुनि के आश्रम में ही लव कुश का जन्म हुआ था ।


•चित्रकोट में 10 वीं सदी का नारायणपाल मंदिर है ।


उत्तराखंड के प्रमुख मेले :


• कुम्भ मेला - हरिद्वार


•नन्दादेवी मेला अल्मोड़ा


•नन्दादेवी मेला - नैनीताल


• बग्वाल मेला


• उत्तरायणी मेला


•बागेश्वर तथा हल्द्वानी


•हरेला मेला- भीमताल


• कांवर मेला - काशीपुर


•चैती मेला - काशीपुर


• माघ मेला - उत्तरकाशी


•पूर्णागिरि -मेला


मध्यप्रदेश के प्रमुख मेले :


• रामलीला का मेला - भंडेर, ग्वालियर


• हीरा भूमियां का मेला - गुना, ग्वालियर


• लोकरंजन महोत्सव - खजुराहो


•खजुराहो नृत्य महोत्सव - खजुराहो मंदिर


•पीर बुधान का मेला - सनवारा, शिवपुरी


• नागाजी का मेला - पोर्सा, मुरैना


•तेताजी का मेला - गुना जिले के भामावड़


•जागेश्वरी देवी का मेला - चंदेरी, गुना


•शिवरात्रि मेला - अमरकंटक


•महामृत्यंजय का मेला - रीवा


• सिंहस्थ मेला - उज्जैन का कुंभ मेला


•चंडी देवी का मेला - घोघरा, सीधी


•शहाबुद्दीन औलिया बाबा का मेला- नीमच, मंदसौर


•कालूजी महाराज का मेला - पश्चिमी निमर के पिपल्याखुर्द


•सिंगाजी का मेला - पिपल्या, पश्चिमी निमर


• धामोनी मेला - धामोनी, सागर


• मठ घोघरा का मेला- सिवनी


• आलमी तब्लीगी इजतिमा - भोपाल


•लोकरंग समारोह - भोपाल


बिहार के प्रमुख मेले :


•सोनपुर का मेला - सोनपुर


•पितृपक्ष मेला - गया


• बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ का मेला- ब्रह्मपुर, बक्सर


•काकोलत मेला - नवादा


• वैशाली का मेला


• मलमास मेला - राजगीर


•जानकी नवमी का मेला - सीतामढ़ी


•सबौर मेला - भागलपुर 


•सहोदरा मेला या थारु मेला-नरकटियागंज - भीखनाठोरी मुख्य पर


• सिमरिया मेला - बरौनी


• मंदार मेला - बांका


•बेतिया मेला - बेतिया


•कालीदेवी का मेला - फारबिसगंज


•कोसी मेला - कटिहार


•नंदन गढ़ मेला - पूर्णिया


•कल्याणी मेला - कटिहार


•सौराठ मेला सभागाछी मधुबनी - माघी मेला


• सीतामढी मेला - सीतामढ़ी, नवादा


•झांझरकड महोत्सव - सहसराम


•पुस्तक मेला - पटना


•पापहरणी मेला - भागलपुर हरदी मेला - मुजफ्फरपुर


उत्तर प्रदेश के प्रमुख मेले :


•कुम्भ मेला - प्रयाग


•बटेश्वर मेला - आगरा


• गढ़ मुक्तेश्वर मेला - हापुड़


•नौचंदी मेला - मेरठ


•देवा मेला - बाराबंकी


•मकनपुर मेला - फर्रुखाबाद


ढाई घाट मेला - शाहजहाँपुर


गोला गोकर्ण नाथ मेला - लखीमपुर खीरी


• बल सुन्दरी देवी मेला - अनूपशहर


कालिंजर मेला - बांदा


देवीपाटन मेला - बलरामपुर


• लखनऊ महोत्सव - लखनऊ


• वाराणसी पर्यटन उत्सव - वाराणसी


•गंगा महोत्सव - वाराणसी


•त्रिवेणी महोत्सव - प्रयागराज


•होलिकोत्सव - मथुरा


•कबीर मेला - मगहर ( सन्त कबीर नगर )


• परिक्रमा मेला - अयोध्या


• रामायण मेला - चित्रकूट


• कैलाश मेला - आगरा


• सोरों मेला - कासगंज


•आयुर्वेद महोत्सव - झाँसी


•बिठुर गंगा महोत्सव - कानपुर


•कजली महोत्सव - महोबा


•रामनगरिया मेला फर्रुखाबाद


•श्रावणी मेला -फर्रुखाबाद


•शाकम्भरी देवी मेला- सहारनपुर 


• खिचड़ी मेला - गोरखपुर


•गोविन्द सागर मेला - अम्बेडकर नगर


• राम बारात -आगरा


•रामनवमी मेला -अयोध्या 


राजस्थान के प्रमुख मेले :


•आन्देश्वर पाश्र्वनाथ मेला - अन्देश्वर


•भर्तृहरी का मेला - अलवर 


• बाणगंगा का मेला - बैराठ, जयपुर


•बेणेश्वर मेला- आसपुर, डूंगरपुर


•बोरेश्वर मेला - बोरेश्वर


• बादशाह मेला- ब्यावर (अजमेर)


• बुड्डा जोहड का मेला - बुड्ढा जोहड़


• चार भुजा का मेला - चारभुजा मेला (मेवाड )


•चामुण्डा माता मेला- जोधपुर


• दशहरा मेला - कोटा


•घोटिया आम्बा मेला – बुड़वा (बाँसवाड़ा)


•जम्भेश्वर मेला - मुकाम नोखा (बीकानेर)


•जीण माता का मेला - रेवासा (सीकर)


•जसनाथजी का मेला - कतरियासर (बीकानेर) 


•कैला देवी का मेला - कैलादेवी मंदिर (करौली ) 


•करणी माता का मेला - दशनोक (बीकानेर) 


• डोल मेला- बारां


•कपिल मुनि का मेला - कोलायत (बीकानेर)


•केशरिया नाथ जी का मेला- घुलेल (मेवाड़)


•कोलायत मेला- कोलायत (बीकानेर)


•खजड़ली मेला - खजड़ली (जोधपुर)


•परशुराम महोदय मेला - सादड़ी (पाली ) 


• राणी सती का मेला - झुंझनूं


•रामदेव जी का मेला - पोकरण (जैसलमेर)


•ऋषभदेवजी का मेला - ऋषभदेव


•शीतला माता का मेला - चाकसू (जयपुर)


• साहवा सिख मेला - साहवा (चुरू)


•सालेश्वर महादेव मेला- गुढ़ा प्रतापसिहं (पाली)


• सालासर हनुमान मेला - सालासर (चुरू)


•सारणेश्वर महादेव मेला - सिरोही


•दादूजी का मेला- नरायणा (जयपुर) 


•देवजी का मेला - आसीन्द (भीलवाड़ा)


•गणेश मेला - रणथम्भौर सवाई (मधोपुर)


•गोगाजी का मेला - गोगामेड़ी नाहर, (गंगानगर)


•घुमेश्वर का मेला - शिवाड़ सवाई माधोपुर)


•गणगौर मेला- जयपुर


•गोतमेश्वर मेला - गोतमेश्वर


•कल्याणजी का मेला - डिग्गी (टोंक)


• लालदासजी का मेला - धोलीदूब (अलवर) 


•महावीर जी का मेला - डिंडौन (करौली)


• माता कुडंलनी का मेला - रश्मी (चित्तौड़गढ़ )


•मातृकुण्डिया मेला - हरनाथपुर


•मचकुण्ड मेला - मचकुण्ड (धौलपुर)


•निम्बोकानाथ मेला- निम्बोकानाथ ( दूंगरपुर)


• पुष्कर मेला- पुष्कर ( अजमेर)


•पदमपुरा मेला - पदमपुरा (जयपुर)


•पाण्डुपोल हनुमान मेला - पाण्डुपोल (अलवर)


• सोनाणा खेतला मेला - सारंगवास


• शाकम्भरी माता मेला - शाकम्भरी


•तेजाजी का मेला - पर्वतसर (नागौर)


• तिलवाड़ा का मेला - तिलवाड़ा


•त्रिपुरा सुंदरी मेला - तलवाड़ा (बाँसवाड़ा)


•तीज मेला - जयपुर


•वीरपुरी का मेला - मंडोर (जोधपुर)


•विराटनगर का मेला - विराटनगर (जयपुर)


हरियाणा के प्रमुख मेले :


•सुर्य ग्रहण मेला - कुरुक्षेत्र


• अस्थल बोहर मठ मेला -रोहतक


•बुद्धो माता मेला - मुबारकपुर


•बनभौरी मेला - हिसार


•पहाडी माता मेला - भिवानी


•पंचमुखी हनुमान मेला - बिलासपुर, यमुनानगर


•आदिबद्री मेला - यमुनानगर


•यमुना का मेला - यमुनानगर


•सूरजकुण्ड मेला


• कपाल मोचन मेला - यमुनानगर


•भीमेश्वरी देवी मेला-  झज्जर


•शीतला माता का मेला - गुरुग्राम


•ढोसी की पहाड़ी का मेला - महेन्द्रगढ़


• मनसा देवी मेला - पंचकुला


•हीरा माता मेला - हथीरा कुरुक्षेत्र


• शारदा देवी छोटा - त्रिलोकपुर अंबाला


•  माँ बाला सुंदरी मेला - मुलाना अंबाला


•शीतला माता मंदिर - जागधौली यमुनानगर


• माँ देवी मेला - बाला सुंदरी लाडवा कुरुक्षेत्र


•काली देवी मेला - कालका, पंचकुला


ओडिशा के प्रमुख मेले :


•पूरी बीच महाउत्सव- पूरी 


• चंद्रभागा मेला या मेघा सप्तमी - खंडगिरि (भुनेश्वर),चंद्रभागा


• रथ यात्रा - पूरी


•कोणार्क नृत्य महाउत्सव- कोणार्क 


•चंदन यात्रा- पूरी 


•कलिंग महाउत्सव


•दुर्गापूजा


 गुजरात के प्रमुख मेले :


• वौठा का मेला - वौठा


•तरणेतर का मेला थानगढ़, सौराष्ट्र 


• शिवरात्रि का मेला- जूनागढ़


•जन्माष्टमी का मेला - राजकोट


• भाद्रपद पूर्णिमा का मेला - अंबाजी 


जम्मू कश्मीर के प्रमुख मेले :



•खीर भवानी के मंदिर का मेला- गांदरबल, श्रीनगर


• बाबा चमलियाल का मेला - रामगढ़, सांबा


•झिरी मेला- झिरी, जम्मू


• सरस मेला- श्रीनगर


• सरस मेला - श्रीनगर


महाराष्ट्र के प्रमुख मेले :


• चोरवड के भूतो का मेला - चोरवड, जालगांव


•कुंभ मेला - नासिक


•कबीर महाउत्सव - मुम्बई


•शिर्डी मेला - शिर्डी


•एग्री मेला - पुणे


• जोतिबा का मेला - कोल्हापुर


•अमरावती महाउत्सव - अमरावती


•शिल्प मेला - नागपुर


झारखंड के प्रमुख मेले :


•नरसिंह स्थान मेला - हजारीबाग


• रामरेखा धाम मेला - रामरेखा, सिमडेगा,


•नवमी डोल मेला - टाटीसिल्वे, रांची


•मंडा मेला - बोकारो तथा रामगढ़, हजारीबाग


•हाथमा पत्थर मेला - फुसरो, बोकारो


•बिंदु धाम मेला - बिंदुधाम, साहिबगंज


•हिजला मेला- दुमका


• श्रावणी मेला - देवघर


• रथ यात्रा मेला - रांची


•सूर्य कुंड मेला -हजारीबाग


•सूर्यकुंड बढ़ई मेला- बुढ़ई, देवघर


•गांधी मेला - सिमडेगा


पश्चिम बंगाल के मेले :


• गंगासागर का मेला


•रामनवमी मेला - रघुनाथपुर, बालुरघाट


•बांग्ला मोर गर्बो मेला - सिलीगुड़ी


• पौष मेला - शांतिनिकेतन, कोलकाता


•सुन्दरवन क्रिष्टि मेला कुल्टाली, 24 परगना


• श्रमिक मेला - जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी


•सबला मेला - कोलकाता


• केंदुली मेला- बीरभूम


•जलपेश मेला - जलपाईगुड़ी


• बसंत उत्सव - बीरभूम


•दुर्गा पूजा - पूरे बंगाल में जगह जगह


आसाम के प्रमुख मेले :


•अंबुबाची मेला - गुवाहाटी


•जोनबिल का मेला - जागिरोड, मोरीगांव


•दुर्गा पूजा - आसाम के कई क्षेत्रों में


•किसान मेला - मजौली, जोरहाट


केरल के प्रमुख मेले :


• अयरूर कथकली मेला - मालाबार, कोचिन, त्रावणकोर


•विशु उत्सव


•त्रिशूर पूरम


•नेहरु ट्रॉफी नौका दौड़


•चंपकुलम नौका दौड


• कृष्ण जन्माष्टमी


•कोरट्ठी मुठी उत्सव


• कार्तिक पूर्णिमा


दोस्तों उम्मीद है कि भारत के प्रमुख मेले कौन कौन से है ? मेला क्या है? देखें मेले की पूरी जानकारी आपको हेल्पफुल लगा होगा। तो सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे ।



मेलों से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न:-



1. प्रसिद्ध केला देवी मेला कहां आयोजित होता है ?


A. सवाई जोधपुर 


B. धौलपुर


 C. करौली


 D. हिंडोन


उत्तर – C. करौली


2. एक ही स्थान पर लगने वाले दो महाकुंभ मेलों के बीच कितना अंतराल होता है ?


A. 6 वर्ष 


B. 10 वर्ष 


C. 12 वर्ष 


D. 15 वर्ष


उत्तर – C. 12 वर्ष 


3. सरहुल पर्व का संबंध किस राज्य से है ?


A. राजस्थान


B. झारखंड


 C. मध्य प्रदेश 


D. पश्चिम बंगाल


उत्तर – B. झारखंड


4. धार्मिक त्यौहार डांडिया किस राज्य में उल्लास के साथ मनाया जाता है ?


A. गुजरात


B. महाराष्ट्र 


C. मध्य प्रदेश


 D. उत्तर प्रदेश


उत्तर – A. गुजरात


5. प्राचीन पौराणिक और विश्वविख्यात हरिहर क्षेत्र का मेला कहां लगता है ?


A. बिहार -


B. उत्तर प्रदेश


 C. मध्य प्रदेश 


D. राजस्थान


उत्तर – A. बिहार


6. देविधुरा मेला कहां लगता है ?


A. चित्तौड़ जनपद में 


B. चंपावत जनपद में 


C. हरिद्वार जनपद में 


D. असम सिंह नगर में


उत्तर – B. चंपावत जनपद में 


7. पूरी की रथयात्रा किसके सम्मान में निकाली जाती है ?


A. भगवान राम के


B. भगवान विष्णु के


C. भगवान जगन्नाथ के 


D. भगवान शिव के


उत्तर – C. भगवान जगन्नाथ के


8. निम्न में से कौन सा एक सुमेलित नहीं है ?


A. बिहू- असम्


B. ओणम आन्ध्रप्रदेश


C. पोंगल - तमिलनाडु


D. वैशाखी - पंजाब


उत्तर – B. ओणम आन्ध्रप्रदेश



9. उगादी पर्व किस राज्य में मनाया जाता है ?


A. कर्नाटक 


B. केरल 


C. असम 


D. बिहार


उत्तर – A. कर्नाटक 


10. चपचार कूट त्यौहार कहां मनाया जाता है ?


A. अरुणाचल प्रदेश


B. असम


C. मिजोरम


 D. सिक्किम


उत्तर – C. मिजोरम


11. गुडी पर्व किस राज्य में मनाया जाता है ?


A. गुजरात


 B. महाराष्ट्र


C. पंजाब


D. राजस्थान


उत्तर – B. महाराष्ट्र



12. रथ यात्रा उत्सव कहां मनाया जाता है ?


A. कोणार्क


 B. पूरी 


C. हरिद्वार 


D. द्वारिका


उत्तर –  B. पूरी


13. पुष्कर मेला कहां लगता है ?


A. लखनऊ 


B. अजमेर


 C. कन्याकुमारी 


D. उदयपुर


उत्तर – B. अजमेर


14. कौनसा हिंदू पर्व थारू जनजाति द्वारा शोक पर्व के रूप में मनाया जाता है ?


A.होली


 B. दीपावली 


C. नागपंचमी


 D. दशहरा


उत्तर – B. दीपावली



15. कालचक्र उत्सव किस धर्म से संबंधित है ?


A. जैन


 B. सिख


 C. बौद्ध 


D. हिंदू


उत्तर –C. बौद्ध


16. माटी पूजा किस राज्य का प्रमुख त्यौहार है ?


A. उत्तराखंड


B. बिहार 


C. उत्तर प्रदेश


 D.छत्तीसगढ़


उत्तर –  D.छत्तीसगढ़


17. लोकरंग त्यौहार किस राज्य में मनाया जाता है ?


A. तमिलनाडु


B. कर्नाटक


C. मध्य प्रदेश


D. हिमाचल प्रदेश


उत्तर – C. मध्य प्रदेश


18. नवरेह किस राज्य का उत्सव रूप है ?


A. गोवा 


B. कर्नाटक


 C. उत्तर प्रदेश 


D. कश्मीर


उत्तर – D. कश्मीर



19. बतुक्कम किस राज्य में मनाया जाता है ?


A. ओड़िशा


 B. तेलंगाना 


C. कर्नाटक 


D. त्रिपुरा


उत्तर – B. तेलंगाना 


20. शिगमो महोत्सव किस राज्य में मनाया जाता है ?


A. गोवा 


B. कर्नाटक


 C. उत्तर प्रदेश


 D. हिमाचल प्रदेश


उत्तर – A. गोवा 


21. रामनवमी किस राज्य का प्रमुख त्यौहार है ?


A. बिहार


 B. मध्य प्रदेश 


C. कर्नाटक 


D. उत्तर प्रदेश


उत्तर – D. उत्तर प्रदेश


22. निम्नलिखित में से किस विकल्प में सभी शहर कुभ मेले से संबधित है


A. प्रयाग, उज्जैन, नासिक, वाराणसी


 B. प्रयाग, उज्जैन, नासिक, गंगासागर


 C. हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, प्रयाग 


D. हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, 


उत्तर – C. हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, प्रयाग 


23. हार्नबिल उत्सव किस राज्य में मनाया जाता है ?


A. असम 


B. मध्य प्रदेश 


C. कर्नाटक 


D. नागालैंड


उत्तर – D. नागालैंड


24. पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के उपलक्ष में कौन सा त्यौहार मनाया जाता है ?


B. ईद-उल-फितर


C. ईद-उल-जुहा ईद


A. मुहर्रम मिलाद-उन-नबी


D. ईद-उल-मिलादुलनवी


उत्तर – D. ईद-उल-मिलादुलनवी


25. दुर्गा पूजा कहां का सबसे ओरमुख पर्व है ?


B. चंडीगढ़


C. बेंगलुरु


A. भोपाल 


D. पश्चिम बंगाल


उत्तर – D. पश्चिम बंगाल


26. बाबा गरियापूजा त्यौहार कहां मनाया जाता है ?


A. अरुणाचल प्रदेश


C. राजस्थान


B. हिमाचल प्रदेश 


D. त्रिपुरा


उत्तर – D. त्रिपुरा



27. नौरोज त्यौहार किससे संबंधित है ?


A. सिक्ख 


B. हिंदू


 C. पारसी


 D. मुस्लिम


उत्तर – C. पारसी


28. लठमार होली कहां खेली जाती है ?


A. मथुरा 


B. लखनऊ 


C. बनारस


D. अमृतसर


उत्तर – A. मथुरा


29. वैशाखी किस राज्य में मनाया जाने वाला त्यौहार है ?


A. पंजाब 


B. बिहार


C. असम


D. कर्नाटक


उत्तर – A. पंजाब



30. भोगाली बिहू किस राज्य का प्रमुख त्योहार है ?


A. केरल


 B. ओड़िशा


 C. बिहार 


D. असम


उत्तर – D. असम


31. ओणम किस राज्य का प्रमुख त्योहार है ?


A. प० बंगाल 


B. केरल 


C. कर्नाटक


 D. तमिलनाडु


उत्तर – B. केरल 


32. लोसर त्योहार किस राज्य में मनाया जाता है ?


A. हरियाणा


B. कर्नाटक 


C. उत्तर प्रदेश 


D. लद्दाख


उत्तर – D. लद्दाख


33. गणगौर का त्यौहार किस राज्य में मनाया जाता है ?


A.हरियाणा


 C. पंजाब 


B. राजस्थान


 D. बिहार


उत्तर – B. राजस्थान


34. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्स (पुण्यतिथि) कहां मनाया जाता है ?


A. फतेहपुर सीकरी


B. आगरा


C. अजमेर


 D. बिहार शरीफ


उत्तर – C. अजमेर


35. गंगा दशहरा किस राज्य का प्रमुख त्यौहार है ?


A.उत्तराखंड 


B. बिहार


 C. उत्तर प्रदेश 


D. पंजाब


उत्तर – A.उत्तराखंड 


36. कंचोथ त्यौहार कहां मनाया जाता है ?


A. जम्मू कश्मीर 


B. उत्तर प्रदेश


 C. मध्य प्रदेश


D. लद्दाख


उत्तर – A. जम्मू कश्मीर


37. गणेश उत्सव किस राज्य में मुख्य रूप से मनाया जाता है ?


A. लद्दाख


B. कर्नाटक


C. मध्य प्रदेश 


D. महाराष्ट्र


उत्तर – D. महाराष्ट्र


38. पपेटी किसका त्यौहार है ?


A. पारसी


 B. जैन 


C. सिख 


D. बौद्ध


उत्तर – A. पारसी


39. छठ पूजा किस राज्य का प्रमुख त्यौहार है ?


A. पश्चिम बंगाल


 B. केरल


C. कर्नाटक


D. बिहार


उत्तर – D. बिहार


40. जल्लीकट्टू नामक त्यौहार किस राज्य में मनाया जाता है ?


A. आंध्र प्रदेश


B. तेलंगाना 


C. कर्नाटक 


D. तमिलनाडु


उत्तर – D. तमिलनाडु



41. पोंगल किस राज्य का प्रमुख त्योहार है ?


A. केरल 


B. तमिलनाडु


 C. असम 


D. कर्नाटक


उत्तर – B. तमिलनाडु





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