मोबाइल की लत पर निबंध // मोबाइल के लाभ तथा दुष्परिणाम निबंध//Essay on mobile Addiction in Hindi
Essay on mobile Addiction in hindi - मोबाइल का उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लोगों को मोबाइल की लत लग गई है यहां पर मोबाइल की लत पर निबंध बताने जा रहे हैं यह निबंध सभी कक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है तो आप लोग इस पोस्ट को जरुर पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
मोबाइल की लत पर निबंध (200 शब्द)
वर्तमान में हम अपने आसपास देख रहे हैं कि मोबाइल की लत लोगों की आदत और नशा बन चुकी है। मोबाइल की लत दिन-प्रतिदिन लोगों के जीवन को अपना शिकार बना रहे हैं। क्योंकि वर्तमान में व्यक्ति जब भी फ्री होता है उस व्यक्ति को मोबाइल चलाना पसंद करता है लेकिन पुराने जमाने में लोग मोबाइल की वजह बाहरी दुनिया में अपना जीवन व्यतीत करते थे।
आज के समय के बच्चे भी मोबाइल का शिकार होते जा रहे हैं। टेक्नोलॉजी के जमाने का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव लोगों पर मोबाइल किल्लत के रूप में पड़ रहा है। लोगों को मोबाइल का नशा हो गया वर्तमान में यदि किसी व्यक्ति को 2 दिन बिना मोबाइल रहने को कहा जाए तो वह व्यक्ति के लिए बहुत बड़ी सजा साबित हो सकती है मोबाइल के बिना रहना लोगों के लिए असंभव सा होने लगा है और इसकी वजह से लोगों को बहुत अधिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। ज्यादा मोबाइल चलाने से मानसिक कमजोरियों और मानसिक बीमारियों के लोग शिकार हो रहे हैं साथ ही साथ आंखों का कमजोर होना यादाश्त का चला जाना इससे अधिक समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं।
मोबाइल की लत पर निबंध 600 शब्द में
प्रस्तावना- विज्ञान निरंतर प्रगति कर रहा है। यह जितनी गति से आगे बढ़ रहा है इंसान इस दौड़ में कहीं ना कहीं पीछे छूटता जा रहा है आविष्कारों के जितने लाभ है उतनी ही हानियां भी हैं इन्हीं आविष्कारों में एक सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार मोबाइल भी है जिसने हमारे कामों को और हमारी जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है आज के इस डिजिटल युग में मानव बिना मोबाइल के अपने जीवन की संकल्पना भी नहीं कर सकता।
मोबाइल क्या है?
यह एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसके माध्यम से आप आसानी से किसी दूसरे जगह रह रहे व्यक्ति से बातचीत कर सकते हैं संदेशों का आदान प्रदान कर सकते हैं ऑनलाइन अपने कामों को कर सकते हैं मनोरंजन के लिए गेम खेल सकते और भी बहुत कुछ इसे वायरलेस फोन सेलफोन सेल्यूलर फोन जैसे कई नामों से जाना जाता है।
मोबाइल का इतिहास
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है
एक समय था जब हमें अपना संदेश एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना होता था जैसे कबूतर के माध्यम से चिट्ठी लिखकर भेजना उसके बाद डाकिया हमारे संदेशों का आदान प्रदान करने लगा लेकिन इसमें भी काफी समय लगता था फिर इसका स्थान टेलीफोन ने ले लिया जिसमें इस क्षेत्र में क्रांति ला दी लेकिन यह वायरलेस नहीं था। यानी आप इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जा सकते थे। आविष्कार और आगे बढ़ते हैं और मोबाइल आता है। अब व्यक्ति से एक स्थान से दूसरे स्थान आसानी से ले जा सकता है। इसको आसानी से अपने जेब में भी रख सकता है आज के समय मोबाइल के उपयोग करता कि यदि बात की जाए तो 2019 में एक अनुमान के अनुसार 4.8 बिलियन इसके उपयोग करता है।
मोबाइल की लत-
जब हम मोबाइल के फायदे की बात करती हैं तो इसके कुछ नुकसान भी देखने को मिल रहे हैं। जिस तरह से इसने हमारे जीवन को सरल बनाया है इंसान इसका गुलाम बनता जा रहा है वह अपने जीवन की कल्पना भी इसके बिना नहीं कर सकता। उसकी दिनचर्या मोबाइल से शुरू होकर रात तक इसके इर्द-गिर्द ही घूमती है।
यदि वह मोबाइल से थोड़ी भी देर अलग रहे तो उसको बेचैनी होने लगती है। यह लत मोबाइल की स्क्रीन को बार-बार टच करने से लेकर उसकी किसी भी ऐप जैसे फेसबुक व्हाट्सएप युटुब किसी की भी हो सकती है। इसमें व्यक्ति अपने आसपास के माहौल से व्यक्तियों से खुद को दूर कर लेता है और मोबाइल की दुनिया में ही खुद को समेट लेता है।
इसके अत्यधिक उपयोग के कारण बहुत ही शारीरिक समस्याएं जैसे सिरदर्द आंखें कमजोर हो ना और चिड़चिड़ापन की भी शिकायत रहने लग जाती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होती हैं।
मोबाइल के द्वारा आर्थिक सामाजिक और शारीरिक क्षति इंसान को होती है।
आर्थिक क्षेत्र की बात करें तो इनकी कीमत 1000 से लेकर लाखों तक होती है और थोड़ी सी भी लापरवाही से इसकी खराब होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो व्यक्ति ने इसके उपयोग के चलते खुद को समाज से काट लिया है वह अपने पारिवारिक परिवेश को छोड़कर मोबाइल की दुनिया में ही खोया रहता है वह व्यक्तियों से मिलना जुलना बंद कर देता है।
शारीरिक क्षति की बात की जाए तो मोबाइल के उपयोग ने बहुत सारी शारीरिक समस्याओं को जन्म दिया है इसके उपयोग से आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है हमारे मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है व्यक्ति की एकाग्रता पर प्रभाव पड़ता है।
इसका इस्तेमाल सड़क दुर्घटना को भी जन्म देता है व्यक्ति फोन पर बात करते हुए वाहन चलाते हैं जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।
इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारी आने वाली पीढ़ी पर देखने को मिल रहा है बच्चों ने आउटडोर गेम्स खेलना बंदी कर दिया है वह पूरे समय मोबाइल में ही वीडियो देखने गेम्स खेलने में लगे रहते हैं इससे उनको बहुत कम ही उम्र में आंखों की रोशनी जाना भूख कम लगना शारीरिक कमजोरी जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
अक्सर अभिभावक बच्चों की जीत पर उन्हें मोबाइल पकड़ा देते हैं बिना इस बात की जांच किए कि उनका बच्चा उस मोबाइल में क्या देख रहा है क्योंकि मोबाइल हर उम्र के व्यक्तियों के लिए होता है अनावश्यक चीजों को देखने से बच्चा चर्चरा और अपराधिक प्रकृति के भी हो जाते हैं।
कई बार न्यूज़पेपर में देखने को आता है कि बच्चों ने अपने अभिभावकों के मोबाइल से ऑनलाइन शॉपिंग की और अकाउंट से पैसे कट गए मोबाइल का प्रयोग करके बच्चे कई अपराधिक कामों को भी अंजाम दे देते है।
मोबाइल फोन के दुष्परिणाम
मोबाइल के जितने लाभ है उतने ही इसके दुष्परिणाम भी है अगर समय रहते इन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो यह घातक सिद्ध होंगे।
मोबाइल फोन की लत पड़ पडना- मोबाइल की लत इंसानों को इस तरह लग गई है कि वह बिना जरूरत के भी इसको बार-बार चेक करते रहते हैं एक शोध में पता चल रहा है कि 67 परसेंट लोग बिना बजे अपनी स्क्रीन को टच करते रहते हैं और यदि मोबाइल में नेटवर्क ना हो तो उनको बेचैनी होने लगती है।
सिर दर्द- सिर दर्द होना मोबाइल के उपयोग से होने वाली आम समस्या है व्यक्ति जब निरंतर मोबाइल का उपयोग करता है तो उसको सिर दर्द की समस्या हो जाती है।
याददाश्त कमजोर होना- मोबाइल में व्यक्ति के जीवन को इतना आसान बनाया है कि वह अपनी आवश्यक जानकारियों को भी इस में सेव करके रखता है परिणाम स्वरूप उसे अपनी आवश्यक जानकारी व स्वयं का मोबाइल नंबर भी याद नहीं रहता।
आंखें कमजोर होना-
एक शोध के अनुसार 40 परसेंट स्मार्टफोन यूजर्स दिन में 6 घंटे से ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं जिससे उनकी आंखें कमजोर हो जाती हैं।
दुर्घटना- यह भी मोबाइल एक दुष्परिणाम है व्यक्ति हर समय चाहे वह गाड़ी चला रहा है या रोड क्रॉस कर रहा हो वह मोबाइल में ही लगा रहता है जिससे जाने-अनजाने कई दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
डिप्रेशन का शिकार होना
वर्तमान समय की यह एक सबसे बड़ी समस्या है क्योंकि व्यक्ति कई बार ऐसे व्यक्तियों को संपर्क में आ जाता है जो उससे अच्छा जीवन स्तर जी रहे होते हैं उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि स्तर की क्षमताएं अलग-अलग होती हैं और व्यक्ति तनाव में आ जाता है।
बच्चों के लिए हानिकारक
यदि मोबाइल के दुरुपयोग व दुष्परिणाम की बात करें तो इसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। मोबाइल में हर विषय से संबंधित जानकारी होती है और इसका उपयोग कोई भी किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है। यदि बच्चों के मोबाइल उपयोग करते समय उन पर ध्यान ना दिया जाए तो इसका प्रभाव उनके मानसिक स्तर पर पड़ता है।
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