रंजन गोगोई का जीवन परिचय Ranjan Gogai ka Jivan Parichay in Hindi
रंजन गोगोई आज यह नाम पूरी दुनिया में छाया हुआ है। हाल ही में रंजन गोगोई ने उच्च न्यायालय में बतौर न्यायधीश राम जन्मभूमि पर फैसला सुनाया है। ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि रंजन गोगोई कौन है और उन्होंने अपने जीवन में कौन-कौन से पढ़ाओ देखे हैं उनका पूरा ब्यौरा आपको इस रंजन गोवा के जीवन परिचय में पढ़ने को मिलेगा।
रंजन गोगोई का जीवन परिचय Ranjan Gogai ka Jivan Parichay in Hindi
रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को असम के डिब्रूगढ़ जिले में हुआ था। रंजन गोगोई के पिता का नाम केशव को गांव और मां का नाम शांति गोगाई था। उनकी मां ग्रहणी थी और इनके पिता के केशव गोगोई कांग्रेस के नेता थे और साथ में वकालत करते थे। रंजन गोगोई के पिता जी ने कांग्रेस के सदस्य के रूप में चुनाव भी लड़ा और वे विधायक भी बने थे। राजनीतिक परिवार से होने के बावजूद रंजन गोगोई ने राजनीति में कदम नहीं रखा।
रंजन गोगोई की शुरुआती शिक्षा
रंजन गोगोई के शुरुआती पढ़ाई डिब्रूगढ़ के डॉन बॉस्को स्कूल में हुई, इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली आ गये। उसके बाद रंजन गोगोई भी अपने पिता की तरह वकालत सीखने के लिए 1978 को गुवाहाटी हाई कोर्ट रजिस्ट्रेशन करवाया। जहां से उन्होंने वकालत में कदम रखा और न्याय प्राणाली को सीखने लगे।
गुवाहाटी हाईकोर्ट में स्थाई जज के रूप में गोगोई
रंजन गोगोई ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा कि वह इतनी दूर तक चले आएंगे। उन्हें जब 28 फरवरी 2001 को गुवाहाटी हाई कोर्ट का स्थाई न्यायाधीश बनाया गया तब उन्होंने कहा था कि उन पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी डाली गई है और वह इस जिम्मेदारी को निभाने की पूरी कोशिश करेंगे गोगोई गुवाहाटी हाईकोर्ट में करीब 10 साल तक स्थाई जज के रूप में कार्यरत रहे। उनका ट्रांसफर 2010 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट किया गया और यहां पर 12 फरवरी 2011 को मुख्य न्यायाधीश बना दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्यरत
रंजन गोगोई खुद कहते हैं कि जिंदगी में अचानक आए बदलावों से मैं खुद हैरान था और उसी वक्त उन्हें 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी। यहां पर उन्होंने अनेक बड़े छोटे फैसलों को विस्तार से देखा एवं उन पर निर्णय दिया। उनके अच्छे काम को देखते हुए उन्हें और भी जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी की जाने लगी।
सुप्रीम कोर्ट प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्यरत
सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में कार्यरत होने के करीब 6 साल बाद उन्हें 3 अक्टूबर 2018 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट प्रधान न्यायाधीश की शपथ दिलवाई। इस पद पर पहुंचने वाले यह पहले असमी व्यक्ति हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए हैं। रंजन गोगोई ने दीपक मिश्रा की जगह ली और उसके बाद उन्होंने एक प्रेस कंप्रेस भी की इसकी वजह से गोगोई की चर्चा में आ गए थे।
रंजन गोगोई को दुनिया में पहचान कैसे मिली
रंजन गोगोई ने दीपक मिश्रा की जगह लेने के बाद पीठ के अनेक मुद्दों पर गौर किया और उसके बाद तीन अन्य जजों के साथ मिलकर एक प्रेस कांफ्रेंस की और इसमें उन्होंने दीपक मिश्रा की आलोचना की थी उसके बाद इन्हें पूरी दुनिया में एक खास पहचान मिली। भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने प्रेस कांफ्रेंस की थी।
राम मंदिर विवादित जमीन पर भी निर्णय लिया
9 नवंबर 2019 को रंजन गोगोई एवं अन्य न्यायाधीशों के मध्यस्त विवादित राम जन्मभूमि पर निर्णय लिया गया, यह पक्ष हिंदू मुस्लिम दोनों के पक्ष में हुआ और विवादित राम जन्मभूमि का निर्णय किया। इनकी देख रेख में यह सबसे बड़ा निर्णय था जो रंजन को गोगोई एवं अन्य न्यायाधीशों ने किया।
रंजन गोगोई से जुड़े कुछ विवाद (Ranjan gogai controversy)
1 सुप्रीम कोर्ट की बेंच से सौम्या हत्याकांड और बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड की बजाय उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जिसके कारण उन्हें लोगों की कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
2 जब सीबीआई न्यायाधीश डी एच लोहिया के हत्या के मामले को न्यायमूर्ति मिश्रा को सौंपा गया तो सुप्रीम कोर्ट की इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब रंजन गोगोई और तीन अन्य सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों में सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर अपने निंदा जताई प्रेस सम्मेलन के बाद न्यायमूर्ति मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के कार्य को उनकी छवि खराब करने के लिए लोगों के सामने अपनी निंदा व्यक्त की।
3 रंजन गोगोई पर पूर्व सुप्रीम कोर्ट महिला कर्मचारी ने योन शोषण करने का आरोप लगाया था। उस महिला ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को दो पेज की छुट्टी में पूरा घटनाक्रम बताया पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील को सबूतों के अभाव के कारण खारिज कर दिया। रंजन गोगोई को कोर्ट द्वारा क्लीनचिट दे दी थी। उसके बाद रंजन गोगोई ने कहा कि इस महिला के पीछे बहुत सी बड़ी ताकतों का हाथ है और यह भारत की न्यायपालिका को बदनाम करने की साजिश है।
रंजन गोगोई के बारे में रोचक तथ्य
(Interesting facts about Ranjan gogi)
1 रंजन गोगोई भारत के 46 में मुख्य न्यायाधीश हैं।
2 रंजन गोगोई उन 11 जजों में शामिल है जिन्होंने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक किया।
3 उनके पास अपनी खुद की कोई कार नहीं है।
4 रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर 2019 को समाप्त हो जायेगा।
5 गोगोई पहले असमी व्यक्ति है जो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने हैं।
6 रंजन गोगोई के चाचा अनजान गोगोई भारतीय वायु सेना में एयर मार्शल रही हैं।
7 केशव को गोगोई को रंजन गोगोई के पिता थे वह असम के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अनेक बड़े फैसले किए हैं और उनके कार्यकाल में सबसे बड़ा फैसला विवादित राम जन्मभूमि था। इस फैसले को रोकने के बाद उन्हें पूरे भारत में सम्मान की नजरों से देखा जाने लगा। हालांकि उन्होंने यह फैसला अपने कार्यकाल खत्म होने से 8 दिन पहले किया।
महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 रंजन गोगोई का कहां और कब हुआ जन्म?
उत्तर रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 में गुवाहाटी असम में हुआ।
प्रश्न 2 रंजन गोगोई पेशे से क्या है?
उत्तर रंजन गोगोई पेशे से न्यायधीश है।
प्रश्न 3 कब बने रंजन गोगोई हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश?
उत्तर 12 फरवरी 2011 को रंजन गोगोई बने हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश।
प्रश्न 4 किस साल में रंजन को गोगोई बने सुप्रीम कोर्ट के जज?
उत्तर 23 अप्रैल 2012 को रंजन गोगोई की हाई सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति।
प्रश्न 5 कौन सा बड़ा निर्णय लिया रंजन गोगोई ने?
उत्तर राम जन्मभूमि का निर्णय लिया रंजन गोगोई ने।
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