संज्ञा के भेद परिभाषा और उदाहरण - पूरी जानकारी sangya aur uske bhed

Ticker

संज्ञा के भेद परिभाषा और उदाहरण - पूरी जानकारी sangya aur uske bhed

 संज्ञा के भेद परिभाषा और उदाहरण - पूरी जानकारी sangya aur uske bhed


संज्ञा के भेद परिभाषा और उदाहरण - पूरी जानकारी sangya aur uske bhed

इस आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के संज्ञा के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं यहां हम समझेंगे की sangya kise kahte hain संज्ञा की परिभाषा क्या होती है, संज्ञा कितने प्रकार के होते हैं और संज्ञा के उदाहरण इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे साथ में हम संज्ञा के जितने भी प्रकार हैं उन सभी को भी हम विस्तार में समझेंगे तो अगर आपको संज्ञा किसे कहते हैं अच्छे से समझना है तो आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते रहिए चलिए अब हम विस्तार से समझे sangya in Hindi के बारे में।

संज्ञा किसे कहते हैं

संज्ञा की परिभाषा - संज्ञा का समान अर्थ होता है नाम। दूसरे शब्दों में किसी व्यक्ति वस्तु स्थान भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं जैसे - राम रहीम सीता गीता कलम पेंसिल पटना दिल्ली लड़कपन बुढ़ापा आदि।


नोट - 

1. यदि संज्ञा शब्दों की एक सूची बनाई जाए तो इसमें असंख्य शब्द आ जाएंगे अतः इसे महा नाम भी कहा गया है।


2. लेकिन रंगों के नाम लाल काला पीला हरा आदि संज्ञा नहीं कहलाते यह विश्लेषण कहलाते हैं, क्योंकि इनसे किसी व्यक्ति या वस्तु की विशेषता झलकती है। जैसे - श्याम काला है। (काला विशेषण) साड़ी लाल है। (लाल विशेषण)


संज्ञा के कार्य


संज्ञा के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं

(1) ऐसे नामों का बोध कराना जो दुनिया में सिर्फ एक हो। जैसे - राम , सीता , पृथ्वी , चंद्रमा , पटनाज्ञ , दिल्ली , सोमवार , जनवरी , भारत एशिया , रामायण , गंगा , हिंद , महासागर , आदि।


(2) ऐसे नामों को बतलाना जिनसे उनकी जाति का बोध हो। जैसे - गाय , बैल , पशु , तोता , मैना पक्षी , चींटी , खटमल , कीट , आम , इमली , फल , कुर्सी , टेबल , सामान , मोटर , गाड़ी , सवारी , भाई , बहन , संबंधी , राजा , रानी , पद आदि।


(3) ऐसे नामों को बदला ना जिनसे उनके समूह का बोध हो जैसे - वर्ग , सेना , गुच्छा , परिवार , खानदान झुंड , सभा , चौथ , आदि।


(4) ऐसे धातु याद रवि के नामों को बदला ना जीने मां पाया तौला जाता है  जैसे - सोना , चांदी , हीरा मोती , तेल , घी , चावल , दाल , लकड़ी , कोयला आदि।


(5) ऐसे नामों को बदला ना जिनसे व्यक्तियों या वस्तुओं के भाव , गुण , दोष , अवस्था , गति क्रिया , आदि का बोध हो। जैसे - मित्रता , शत्रुता जवानी , बुढ़ापा , सुस्ती , फुर्ती , करुणा , दया खटास , मिठास , लंबाई , चौड़ाई , पढ़ाई , लिखाई , इतिहास , भूगोल , आदि।


संज्ञा के भेद


अभी हमने ऊपर संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण को अच्छे से समझ लिया है। अब हम बात करते हैं कि संज्ञा के कितने भेद होते हैं। तो परंपरागत रूप से संज्ञा के पांच भेद होते हैं तो चलिए हम सभी भेदों को विस्तार में समझे।


(1). व्यक्तिवाचक संज्ञा (proper noun)

(2). जातिवाचक संज्ञा (Common noun)

(3). समूहवाचक संज्ञा (Collective noun)

(4). द्रव्यवाचक संज्ञा (Material noun)

(5). भाववाचक संज्ञा (Abstract noun)


व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा - जैसे संज्ञा से किसी खास व्यक्ति वस्तु जगह आदि का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक कहते हैं। जैसे - राम,  रहीम चांद , सूरज , रामायण , महाभारत , पटना , दिल्ली , आदि।


राम से किसी खास व्यक्ति का और पटना से किसी खास जगह या शहर का बोध होता है बताइए व्यक्तिवाचक संज्ञा आए हैं पांचों संज्ञाएं में व्यक्तिवाचक संज्ञा ओं की संख्या सबसे अधिक है इनमें कुछ प्रमुख संज्ञाएं निम्नलिखित हैं।


जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा - जिस संज्ञा से प्राणी या वस्तु की संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक कहते हैं। जैसे - लड़का , लड़की , पशु , पक्षी , फल , फूल पत्र , पत्रिका , गांव , देश , दिन , महीना , नदी , झील , पहाड़ , पठार , आदि।


समूहवाचक संज्ञा की परिभाषा - जिसमें व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह का बोध होता है वह समूहवाचक संज्ञा कहलाता है। जैसे - सेना , वर्ग सभा , गुच्छा , संघ , झुंड , घौद , परिवार खानदान , दल , आदि।

 सेना कहने से सिपाहियों के समूह का बोध होता है किसी एक समूह का नहीं इसी प्रकार उपरोक्त सारे शब्दों से किसी ना किसी समूह का पता चलता है।


द्रव्यवाचक संज्ञा की परिभाषा - जिस संज्ञा से मापने या तौलने वाली वस्तु का बोध हो उसे द्रव्यवाचक कहते हैं। जैसे - सोना , चांदी , हीरा मोती , दूध , दही , तेल , कोयला , पानी , लकड़ी कपड़ा , लोहा , चूना , पत्थर , सीमेंट , आदि।

 उपरोक्त सभी वस्तुओं को हम किसी ना किसी रूप में मापते या तौलते हैं। बताइए द्रव्यवाचक संज्ञाएं हैं।


भाववाचक संज्ञा की परिभाषा - जिस संज्ञा से व्यक्ति या वस्तु के गुण या धर्म का बोध हो उसे भाववाचक कहते हैं जैसे - अच्छाई , बुराई , पढ़ाई लिखाई , जवानी , बुढ़ापा , खटास , मिठास आदि।


भाववाचक संज्ञा का निर्माण


भाववाचक संज्ञा का निर्माण प्रायः सभी प्रकार के शब्दों से होता है। शब्दों के अंत में प्रत्यय जोड़ना पड़ता है जैसे-

(1)  व्यक्तिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा

राम - रामत्व , रामता

शिव - शिविता

नारद - नारदी

अकबर - अकबरी

नादिरशाह - नादिरशाह 


(2) जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा

आदमी - आदमीयत

आम - अमावट

इंसान - इंसानियत

बालक - बालपन

युवक - यौवन


(3) सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा

अपना - अपनापन

आप - आपा

अहं - अहंकार

मम - ममत्व ममता


(4) अव्यय से भाववाचक संज्ञा

खूब - खूबी

दूर - दूरी

वाह वाह - वाहवाही

बहुत - बहुतायत

निकट - निकटता


(5) विशेषण से भाववाचक संज्ञा

अंग - अंधता अंधत्व

उचित - औचित्य

कंजूस - कंजूसी

गरम - गरमी

जानकार - जानकारी


(6) क्रिया से भाववाचक संज्ञा


आटक ना - अटकाव

इतरा-ना - इतराहट

उतरा-ना - उतराई

काट-ना - कटाई काटू

गिनना - गिनती


हम उम्मीद करते हैं इस पोस्ट (संज्ञा किसे कहते हैं) की मदद से हम आप तक बात आसानी से पहुंचा पाए होंगे और आपको संज्ञा का ज्ञान अच्छे से हो गया होगा यदि आपको संज्ञा के बारे में और कुछ जानना हो तो आप हमें कमेंट करके अपने सुझाव आसानी से भेज सकते हैं हम पूरा प्रयास करेंगे कि आपके पूछे गए प्रश्नों का हम सबसे उत्तम उत्तर आपको उपलब्ध कराएं।


यह भी पढ़ें





















Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2