गरीबी पर निबंध हिंदी में || Poverty essay in Hindi language
"गरीबी एक अभिशाप कहलाए,
जो व्यक्ति को बेबस और लाचार बनाए।"
प्रस्तावना
भारत की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक गरीबी है। भारत की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। देश में फैला भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है। जिस कारण अमीर और अमीर होता जा रहा है तथा गरीब इंसान और अधिक लाचार होता जा रहा है।
गरीबी का अर्थ
गरीब होने की अवस्था गरीबी कहलाती है। गरीबी या निर्धनता जीवन जीने के साधनों या इस हेतु धन के अभाव की स्थिति है। यह एक व्यक्ति को और उसके भीतर की मानवता को प्रतिपल मारती है। गरीबी जीवन, समाज और राष्ट्र पर बोझ है।
गरीबी के कारण
गरीबी मुख्यत: बेरोजगारी, अशिक्षा, भारी जनसंख्या जैसे कारणों से होता है। हालांकि आज देश की सरकार ने शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बहुत से ऐसे कार्य किए हैं जिससे बच्चों और युवाओं को लाभ मिल सके। किंतु अभी भी जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे जन-जन तक लाभ पहुंचाया जा सके। इसके अलावा कुछ अनुचित सरकारी नीतियां, विषम सामाजिक परिस्थितियां, बढ़ती महंगाई, प्राकृतिक आपदाएं, उचित स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव और लोगों की बुरी आदतें भी गरीबी के कारण माने जाते हैं।
गरीबी के परिणाम
गरीबों को हर खराब परिस्थिति की मार झेलनी पड़ती है। गरीबों को दिन भर मजदूरी करने के बाद भी भरपेट खाना मुश्किल से नसीब हो पाता है। गरीबों को शारीरिक तौर पर उचित पालन-पोषण नहीं मिलता है। गरीबों का ज्यादातर जगहों पर तिरस्कार किया जाता है। एक गरीब व्यक्ति अपने ना तो अपने बच्चों को मन मुताबिक पाल सकता है और ना ही उन्हें अच्छी शिक्षा दे सकता है। एक गरीब घर का बच्चा बहुत से अवसरों से वंचित रह जाता है।
गरीबी एक अभिशाप
इस दुनिया में किसी भी इंसान के लिए गरीबी किसी अभिशाप से कम नहीं होती है। एक गरीब व्यक्ति अपनी इच्छा अनुसार जीवन जीने में सक्षम होता है। गरीबी की स्थिति को कोई ना ही अनुभव करें तो अच्छा है।
एक गरीब इंसान बहुत ही मजबूर होता है उसे रोज भोजन, शिक्षा, घर, वस्त्र इत्यादि सभी आवश्यक वस्तुओं हेतु संघर्ष करना पड़ता है। गरीबी केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं है बल्कि राष्ट्रीय समस्या भी है
कोई भी देश अपने देश के नागरिकों के दम पर ही चलता है। यदि देश की जनता ही गरीबी में पड़ी रहेगी तो देश का विकास भला किस प्रकार संभव हो सकता है।
गरीबी के प्रभाव
मूलभूत आवश्यकताओं की कमी –
गरीबी के कारण लोग अपनी मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं कर पाते हैं। कभी-कभी तो उनके पास खाने के लिए भी कुछ नहीं होता है। वे अपना जीवन सिर्फ अपने लिए भोजन जुटाने में ही बिता देते हैं।
कुपोषण –
गरीबी में जीवन जीने वाले लोग अपने बच्चों का पेट भी बड़ी मुश्किल से भरते हैं, तो ऐसे में वे अपने बच्चों को पोषण कहां से दे पाएंगे। इसी कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं क्योंकि उन्हें गरीबी के कारण सही पोषण नहीं मिल पाता है।
अपराध बढ़ना –
अपराधों के होने का मुख्य कारण गरीबी होती है। जब व्यक्ति के पास खाने पीने के लिए कुछ भी नहीं होता है, तो वह पैसों के लिए कोई भी काम करने को तैयार हो जाता है। गरीबी मनुष्य को हर काम करने के लिए मजबूर कर देती है। गरीबी के कम होने से ही ज्यादातर चोरी चकारी कम हो जाएगी।
अशिक्षा –
गरीब व्यक्ति की पहुंच शिक्षा तक नहीं होती है। जो व्यक्ति अपने लिए दो वक्त के खाने का इंतजाम काफी मुश्किल से करता है, वह शिक्षा कैसे प्राप्त कर पाएगा। एक गरीब व्यक्ति सिर्फ अपना जीवन यापन करने के बारे में ही सोचता है। वह शिक्षा को अपने जीवन में महत्व नहीं देता है। वह सोचता है कि जब तक वह पढ़ने के लिए विद्यालय जाएगा, तब तक तो वह कुछ पैसे कमाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर लेगा और ना ही उसके पास इतने पैसे होते हैं कि वह शिक्षा प्राप्त कर पाए।
बाल श्रम –
गरीबी ही बाल श्रम का मुख्य कारण है। जब परिवार गरीब होता है और उसके कमाई के साधन सीमित हो जाते हैं, तो उस घर के बच्चे अपने परिवार की सहायता के लिए बचपन से ही मजदूरी करने लग जाते हैं। इससे वे अपनी शिक्षा भी प्राप्त नहीं कर पाते हैं और जीवन भर मजदूर बनकर ही रह जाते हैं और उनका भविष्य भी उनके माता-पिता की तरह ही हो जाता है।
अर्थव्यवस्था –
देश की गरीबी का असर सीधे ही उस देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। जिस देश में गरीबी अधिक होती है,उस देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती है।
आतंकवाद –
आतंकवाद के लिए कहीं ना कहीं गरीबी भी जिम्मेदार है। कई बार गरीबी से मजबूर होकर व्यक्ति आतंकवाद जैसे रास्ते में जाने लगता है, जिससे वह अपना जीवन अच्छे से जी सके।
गरीबी को दूर करने के उपाय
भारत में गरीबी दूर करने तथा लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं–
1. गरीबी को दूर करने के लिए मौजूद प्राकृतिक साधनों का समुचित प्रयोग करना चाहिए। इससे उत्पादन में वृद्धि होगी। फिर राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होगी।
2. कृषि का विकास करना भी गरीबी निवारण के लिए अनिवार्य है। कृषि पर जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग निर्भर करता है।
3. गरीबी निवारण हेतु तीव्र गति से देश में औद्योगीकरण करना आवश्यक है।
4. गरीबी को रोकने के लिए तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या पर नियंत्रण करना आवश्यक है। बढ़ती हुई जनसंख्या आर्थिक विकास के मार्ग में बाधक है। इस पर नियंत्रण के बिना आर्थिक विकास संभव ही नहीं है।
5. शिक्षा के विकास द्वारा गरीबी को दूर किया जा सकता है इसके लिए सामान्य एवं तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था की आवश्यकता होगी।
6. गरीबी को दूर करने के लिए राष्ट्रीय आय एवं संपत्ति के वितरण में समानता लाना आवश्यक है।
7. देश में सहायक उद्योगों का विकास भी गरीबी निवारण के लिए आवश्यक है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इसका विकास किया जाना चाहिए।
8. देश में कृषि, उद्योग, व्यवसाय आदि के विकास के लिए जल विद्युत, यातायात आदि अवसंरचनात्मक सुविधाओं का विकास होना आवश्यक है।
उपसंहार
गरीबी से मुक्ति के लिए हमें शिक्षा और कौशल युक्त होना होगा। सरकार का यह दायित्व है कि वह जनता को अवसर और योजनाएं प्रदान करे, जिससे एक आम आदमी बेरोजगार प्राप्त कर सके। आम आदमी को भी अपने स्तर पर गरीबी की स्थिति से बाहर निकलने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। सबके मिले-जुले प्रयास से ही हम भारत को गरीबी मुक्त बना सकते हैं।
"देश की जनता को गरीबी से बाहर लाना ही होगा,
हमें अपने देश को गरीबी मुक्त बनाना ही होगा।"
People Also Asked –
प्रश्न- गरीबी पर निबंध कैसे लिखें?
उत्तर- गरीबी वह स्थिति होती है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं कर पाता है। मूलभूत आवश्यकताएं जैसे-रोटी,कपड़ा एवं मकान आदि। कोई भी देश तब तक विकसित नहीं हो सकता है, जब तक उसके लोग गरीबी से उभर नहीं जाते हैं। जनसंख्या वृद्धि: जनसंख्या देश की सबसे बड़ी समस्या है।
प्रश्न- क्या गरीबी एक अभिशाप है?
उत्तर- गरीबी जीवन की जरूरत की कमी है जो जीवन के कपड़े को टुकड़े-टुकड़े कर देती है जिससे आंखें गीली हो जाती है और भावनाओं में गहरा दर्द समा जाता है। यदि यह किसी को जकड़ ले तो पूरा जीवन कष्टमय बना देता है और इससे बाहर निकलने का मार्ग कभी नहीं देता। कहा जा सकता है कि गरीबी एक अभिशाप है।
प्रश्न- गरीबी की क्या व्याख्या है अपने शब्दों में लिखो?
उत्तर- गरीबी उन वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति का अभाव है जो व्यक्ति तथा उसके परिवार के स्वास्थ्य और कुशलता को बनाए रखने में आवश्यक है। इस प्रकार केवल भोजन, वस्त्र और आवास के प्रबंध से ही निर्धनता की समस्या समाप्त नहीं हो जाती।
प्रश्न- भारत में गरीबी एक समस्या है क्यों?
उत्तर- भारत में गरीबी का मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या दर है। इससे निरक्षरता, खराब स्वास्थ्य सुविधाएं और वित्तीय संसाधनों की कमी की दर बढ़ती है। इसके अलावा उच्च जनसंख्या दर से प्रति व्यक्ति आय भी प्रभावित होती है और प्रति व्यक्ति आय घटती है।
प्रश्न- गरीबी को समाज के लिए अभिशाप क्यों माना जाता है?
उत्तर- गरीबी का अर्थ वैसे लोगों से है जो अपनी रोजी-रोटी के साधन के साथ रहने के लिए घर की व्यवस्था नहीं कर पाता है। गरीब लोग मजबूरी में पेट के खातिर पढ़ने-लिखने की उम्र बच्चों को अपने साथ काम लगाते हैं। चाहकर उन्हें पढ़ा नहीं पाते हैं। यही कारण है कि हमारे यहां बाल मजदूरी को बढ़ावा मिल रहा है।
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