गणतंत्र दिवस पर कविता 2023 || Republic day poem in Hindi

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गणतंत्र दिवस पर कविता 2023 || Republic day poem in Hindi

गणतंत्र दिवस पर कविता 2023 || Republic day poem in Hindi

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गणतंत्र दिवस पर कविता 2023 || Republic day poem in Hindi

आज पूरा देश अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस देश का राष्ट्रीय पर्व है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। इस खास मौके पर देशभर में विभिन्न जगहों पर कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

साल 1950 में 26 जनवरी को ही भारतीय संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ था। लिहाजा, इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में हम मनाते हैं। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इस दिन कई जगहों पर कविता पाठ भी होता है। आइए इस मौके पर हम आपको गणतंत्र दिवस पर रचित कविताओं को पढ़ते हैं।


'वीर शहीदों के बलिदान से',


वीर शहीदों के बलिदान से

हमें मिली आजादी थी,

अभिमान से… बड़ी ही शान से,

हमें मिली आजादी थी।

                               आजादी के लिए हमारी

                             लंबी चली लड़ाई थी

                                  लाखों लोगों ने प्राणों से

                                   कीमत बड़ी चुकाई थी!!

व्यापारी बनकर आए और

छल से हम पर राज किया

हमको आपस में लड़वाने की

नीति पर उसने काम किया!!

हमने अपना गौरव पाया

अपने स्वाभिमान से

हमें मिली आजादी

वीर शहीदों के बलिदान से!!

गांधी, तिलक, सुभाष,

जवाहर का प्यारा यह देश है

जियो और जीने दो का

सबको देता संदेश है!!

लगी गूंजने दसों दिशाएं

वीरों के यशगान से

हमें मिली आजादी वीर

शहीदों के बलिदान से!!

हमें हमारी मातृभूमि से

इतना मिला दुलार है

उसके आंचल की छाया से

छोटा यह संसार है!!

विश्व शांति की चली हवाएं

अपने हिंदुस्तान से

हमें मिली आजादी

वीर शहीदों के बलिदान से!!


'मोह निद्रा में सोने वालों, अब भी वक्त है जाग जाओ',


मोह निद्रा में सोने वालों, अब भी वक्त है जाग जाओ,

इससे पहले कि तुम्हारी यह नींद राष्ट्र को ले डूबे,

जाती पाती में बंटकर देश का बंटाधार करने वालों,

अपना हित चाहते हो, तो अब भी एक हो जाओ,

भाषा के नाम पर लड़ने वालों,

हिंदी को जग का सिरमौर बनाओ,

राष्ट्रहित में कुछ तो बलिदान करो तुम,

इससे पहले कि राष्ट्र फिर से गुलाम बन जाए,

आधुनिकता केवल पहनावे से नहीं होती है,

ये बात अब भी समझ जाओ तुम,

फिर कभी कहीं कोई भूखा ना सोए,

कोई ऐसी क्रांति ले आओ तुम,

भारत में हर कोई साक्षर हो,

देश को ऐसे पढ़ाओ तुम ||


'मत घबराओ, वीर जवानों'


मत घबराओ, वीर जवानों

वह दिन भी आ जाएगा।

जब भारत का बच्चा-बच्चा देश भक्त बन जाएगा।।

कोई वीर अभिमन्यु बनकर,

चक्रव्यू को तोड़ेगा

कोई वीर भगत सिंह बन कर अंग्रेजों के सिर फोड़ेगा।।

धीर धरो तुम वीर जवानों,

मत घबराओ वीर जवानों

वह दिन भी आ जाएगा

जब भारत का बच्चा-बच्चा देश भक्त बन जाएगा।।

कल-कल करती गंगा यमुना,

जिसके गुण ये गाती है

भारत की इस पुण्य धरा में,

अपना गुंजार सुनती हैं।।

आज तिरंगे के रंगों को फीका नहीं होने देंगे

इस तिरंगे की शान के लिए,

अपना सर्वस्व लुटा देंगे।।

अब मत घबराओ वीर शहीदों,

मत घबराओ वीर जवानों

वह दिन भी आ जाएगा,

जब भारत का बच्चा-बच्चा देश भक्त बन जाएगा।।

वीर अमर शहीदों की कुर्बानी को,

कोई भुला ना पाएगा

जब अत्याचार बढ़ेगा धरती पर,

एक महापुरुष आ जाएगा

मत घबराओ वीर जवानों

जब भारत का बच्चा-बच्चा देश भक्त बन जाएगा।।


'भारत देश हमारा है'


भारत देश हमारा है यह

हमको जान से प्यारा है

दुनिया में सबसे न्यारा यह

सबकी आंखों का तारा है

मोती हैं इसके कण-कण में

बूंद बूंद में सागर है

प्रहरी बना हिमालय बैठा

धरा सोने की गागर है

भूमि ये अमर जवानों की है

वीरों के बलिदानों की

रत्नों के भंडार भरे हैं

गाथा स्वर्णिम खानों की

सत्य, अहिंसा, शांति बांटता

इसकी शान तिरंगा है

गोद खेलती नटखट नदियां

पावन यमुना-गंगा है

चंदन की माटी से महके

मातृभूमि को वंदन है

कोटि-कोटि भारत वालों का

सुंदर सा यह नंदन है।।


'देखो 26 जनवरी आई'


देखो 26 जनवरी है आयी, गणतंत्र की सौगात है लायी।।

अधिकार दिए हैं इसने अनमोल, जीवन में बढ़ सके बिन अवरोध।

हर साल 26 जनवरी को होता है वार्षिक आयोजन,

लाल किले पर होता है जब प्रधानमंत्री का भाषण।

नई उम्मीद और नये पैगाम से, करते हैं देश का अभिवादन,

अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर अर्पित करते श्रद्धा सुमन,

2 मिनट के मौन धारण से होता शहीदों को शत-शत नमन।

सौगातों की सौगात है, गणतंत्र हमारा महान है,

आकार में विशाल है, हर सवाल का जवाब है,

संविधान इसका संचालक है, हम सबका बो पालक है,

लोकतंत्र जिसकी पहचान है, हम सबकी ये शान है,

गणतंत्र हमारा महान है, गणतंत्र हमारा महान है।।


'जब देश को खतरा हो गद्दारों से'


जब देश को खतरा हो गद्दारों से

तो गद्दारों को धरती से मिटाना जरूरी है

जब गुमराह हो रहा हो युवा देश का

तो उसे सही राह दिखाना जरूरी है


जब हर ओर फैल गई हो निराशा देश में

तो क्रांति का बिगुल बजाना जरूरी है

जब नारी खुद को असहाय पाए

तो उसे लक्ष्मीबाई बनाना जरूरी है


जब नेताओं के हाथ में सुरक्षित ना रहे देश

तो फिर सुभाष का आना जरूरी है

जब सीधे तरीकों से देश ना बदले

तब विद्रोह जरूरी है।।


अमर वो उनकी बलिदानी याद रहे

सालों तक ना हो बात पुरानी

आजाद हिंद का तिरंगा रहे हमेशा ऊंचा


खुशनसीब हैं हम जो यहां जन्म लिए

यहां की मिट्टी की खुशबू

यहां की हवाओं का अपनापन

हर दिल में राष्ट्रगान का सम्मान रहे


अगर झुकने लगे जो तिरंगा

तो हम बलिदान कर दे खुद को

सर कटा दे पर सर झुका सकते नहीं


हिंदुस्तान है सोने की चिड़िया

ईसाई, सिख, हिंदू हो या मुस्लिम हम जो भी हो

हम जहां भी रहे

सिर्फ हिंदुस्तानी रहें 

अमर वो उनकी बलिदानी याद रहे।।


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