साबुन और अपमार्जक में अंतर|difference between soap and detergent
नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपको साबुन और अपमार्जक के बीच अंतर बताएंगे जो आपके यूपी बोर्ड एग्जाम और एमपी बोर्ड एग्जाम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दोस्तों अगर आपके लिए यह पोस्ट उपयोगी हो तो हमारी पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करिएगा।
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साबुन और अपमार्जक में अंतर|difference between soap and detergent |
साबुन किसे कहते हैं?
साबुन (Shop) - उच्च वसीय अम्लों के सोडियम या पोटेशियम लवण को साबुन कहते हैं। जैसे सोडियम स्टीयरेट, पोटेशियम पामिटेट आदि। यह तेल बाबसा को चार द्वारा जल गठित करके बनाए जाते हैं। इस प्रक्रिया को साबुनीकरण (Saponification) कहते हैं।
सोडियम डोडेसिल सल्फेट
उदाहरण - सोडियम स्टीयरेट, पोटेशियम पामिटेट।
तेल + क्षार → ग्लिसरीन + साबुन
अपमार्जक किसे कहते हैं?
अपमार्जक (detergent) - सफाई के लिए प्रयुक्त होने वाले पदार्थों को अपमार्जन कहते हैं। बहुत अच्छे चित्र फुलरीन के लिए C6O के पहले से अपमार्जक के रूप में साबुन का प्रयोग होता रहा है। परंतु आजकल संश्लिष्ट अपमार्जक मे दो शिरों वाले अणु होते हैं जिनका एक सिरा जल को आकर्षित करता है जो प्रायः सल्फेट (SO) या सल्फोनेट (SONa) ग्रुप द्वारा बना होता है। दूसरा से गजल को प्रतिकर्षित करता है जो हाइड्रोकार्बन युक्त होता है। संश्लिष्ट अपमार्जक कठोर जल में भी पर्याप्त मात्रा में झाग बनाते हैं। यह कठोर जल के साथ अघुलनशील कैल्शियम या मैग्नीशियम के लवण नहीं बनाते।
उदाहरण - सोडियम लौरिल सल्फेट, सोडियम डोडेकिल बेंजीन सल्फोनेट।
अपमार्जक का सूत्र -
CH3(CH2) 11SO4Na
साबुन और अपमार्जक में अंतर -
साबुन -
यह नहाने के काम में आता है।
साबुन कठोर जल के साथ अच्छा झाग नहीं देते हैं।
साबुन सामान्यत : कपड़े धोने के लिए अधिक उपयुक्त नहीं होते हैं।
इस प्रकार के साबुन अच्छी तरह के तेल एवं वसा से बनाए जाते हैं।
साबुन में हानिकारक क्षार नहीं मिलाए जाते हैं।
यह जल में घुलने में समय लेते हैं।
साबुन लंबी श्रृंखला वाले कार्बोलिक अम्ल के सोडियम लवण होते हैं।
साबुन धुलाई के काम के लिए उपयुक्त नहीं होता है।
साबुन जैव निम्नीकरणीय होते हैं।
साबुन में मंद निर्मूलन क्रिया होती है।
यह कपड़ों के साथ अधिक व्यावहारिक नहीं होते।
अपमार्जक -
अपमार्जक कपड़े धोने के काम में आते हैं।
अपमार्जक कठोर जल के साथ अच्छा झाग देते हैं।
अपमार्जक सामान्यतः कपड़ों की धुलाई के लिए ही निर्मित किए जाते हैं।
अपमार्जन सस्ते तेल एवं वसा से बनाए जाते हैं।
अपमार्जक में हानिकारक क्षार मिलाए जाते हैं।
अपमार्जक जल में तीव्रता से घुलते हैं।
अपमार्जक लंबी श्रृंखला वाले वाले अम्ल हाइड्रोजन सल्फेट का सोडियम लवण होता है।
अपमार्जक को उस समय भी धुलाई के लिए प्रयोग किया जाता है जब जल कठोर होता है।
कुछ अपमार्जन घटित नहीं होते।
अपमार्जन में प्रबल निर्मलन क्रिया होती है।
यह ऊनी वस्तुओं के साथ अधिक व्यावहारिक होते हैं।
साबुन और अपमार्जक में क्या अंतर होता है?
यह कठोर जल से कपड़े धोने के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि Ca++ और Mg ++ आयन इससे सहयोग करके सफेद व चिकना अवक्षेप बनाते हैं।
जबकि अपमार्जक जल से कपड़े धोने के काम में आता है क्योंकि अपमार्जक कठोर जल में उपस्थित Ca++ और Mg ++ आयन के साथ कोई अविलेय अवक्षेप नहीं बनाते हैं।
साबुन कितने प्रकार के होते हैं?
उपयोग के आधार पर साबुन के प्रकार-
पारदर्शी साबुन, टॉयलेट साबुन, ग्लिसरीन साबुन, कपड़े धोने का साबुन, सौंदर्य साबुन, नान टॉयलेट साबुन, स्नान साबुन आदि।
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