निबंध किसे कहते हैं? इसके प्रकार ( Essay definition Characteristics and Types ) in Hindi

Ticker

निबंध किसे कहते हैं? इसके प्रकार ( Essay definition Characteristics and Types ) in Hindi

निबंध किसे कहते हैं? इसके प्रकार ( Essay definition Characteristics and Types ) in Hindi


निबंध किसे कहते हैं तथा यह कितने प्रकार के होते हैं निबंध की क्या विशेषताएं होती हैं तो मित्रों आज किस पोस्ट में हम लोग यही जानेंगे । आपको पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ना है। तो मित्रो आपके भी मन में यह प्रश्न आया है कि आखिर निबंध किसे कहते हैं। (What is Essay in Hindi) और निबंध कैसे लिखें। जहां तक मुझे लगता है कि कई सारे लोगों को सही मायने में निबंध का मतलब भी पता नहीं होगा।


अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं जो कि निबंध के बारे में जानना चाहते हैं कि निबंध क्या है? निबंध कितने प्रकार के होते हैं? निबंध के अंग कौन कौन से होते हैं? तथा निबंध कैसे लिखे तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी।


दोस्तों निबंध शब्द से हम बचपन से ही वाकिफ होते हुए आ रहे हैं लेकिन अगर देखा जाए तो निबंध किसे कहते हैं। यह बहुत कम लोगों को पता होगा तो आज मैंने सोचा कि मैं आपको इसी विषय पर जानकारी देता हूं। दोस्तों मैं nityastudypoint.com मैं हार्दिक स्वागत करता हूं तो आइए अब हम निबंध के बारे में जानते हैं।


essay definition characteristics and type in hindi,निबंध कितने प्रकार के होते हैं,definition of essay,ललित निबंध किसे कहते हैं,novel definition in hindi,परिवार के कितने प्रकार होते हैं,money and financial systems b.com year in hindi,essay meaning in hindi,what is the definition of essay,what is unemployment in hindi,डाटा कितने प्रकार होते हैं,पत्र कितने प्रकार के होते है,lamarck and darwin theory of evolution in hindi,types of letter in hindi
निबंध किसे कहते हैं? इसके प्रकार ( Essay definition Characteristics and Types ) in Hindi



निबंध का अर्थ


निबंध शब्द 'नि+बंध' से बना है जिसका अर्थ है अच्छी तरह से बना हुआ। इनकी भाषा विषय के अनुकूल होती है। निबंध की शक्ति है अच्छी भाषा। भाषा के अच्छे प्रयोग द्वारा ही भावों विचारों और अनुभवों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किया जा सकता है।


निबंध की परिभाषा


बाबू गुलाब राय ने निबंध की परिभाषा में अनेक तत्वों का सम्मिश्रण करते हुए कहा है - "निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं जिसमें एक सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन ,स्वच्छंदता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और सम्बद्धता के साथ किया गया हो।"


आचार्य शुक्ल के अनुसार - "यदि गद्य कवियों को कसौटी है, तो निबंध गद्य की।"


पंडित श्यामसुंदर दास के अनुसार - "निबंध वह लेख है जिसमें किसी गहन विषय पर विस्तार पूर्वक और पाठिडत्यपूर्व ढंग से विचार किया गया हो।"


आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध के रहस्य को उद्घाटित करते हुए कहते हैं - "यदि गति कवियों या लेखकों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है। भाषा की पूर्ण शक्ति का विकास निबंध में ही सबसे अधिक संभव होता है।"

इस प्रकार निबंध किसी विषय पर विचार प्रकट करने की कला है।


इनके विचारों को क्रमबद्ध रूप में पिरोया जाता है। इसमें ज्ञान विचार और अद्भुत संगम होता है। यद्यपि निबंध लिखने का कोई निश्चित सूत्र नहीं है।


निबंध गद्य लेखन की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए भी किया जाता है। निबंध के पर्याय रूप में संदर्भ रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है।….. लेकिन वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उल्टे हैं।


"हिंदी साहित्य कोष" में 'निबंध' को इस प्रकार परिभाषित किया गया है- "यह किसी विषय वस्तु पर उसके स्वरूप प्रकृति, गुण ,दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मकअभिव्यक्ति है।"


डॉ ओमकार नाथ शर्मा निबंध को परिभाषित करते हुए कहते हैं - "निबंध वह लघु मर्यादित साहित्यिक विधा है, इसमें निबंधकार विषय अनुसार अपने ह्रदय स्थित भागो अनुभूतियों तथा विचारों का कलात्मक चित्रण वैसक्तिकता के साथ प्रदर्शित करता है।


डॉ जगन्नाथ प्रसाद शर्मा के अनुसार - "तर्क और पूर्णता का अधिक विचार ना रखने वाला गद्य रचना का वह प्रकार निबंध कहलाता है।" , जिसमें किसी विषय अथवा विषयांश का लघु विस्तार में स्वच्छंदता एवं आत्मीय पूर्ण ढंग से ऐसा कथन हो कि उसमें लेखक का व्यक्तित्व झलक उठे ।


डॉ लक्ष्मी सागर वाष्णेय ने निबंध के तत्व को ध्यान में रखते हुए कहा है कि - "निबंध से तात्पर्य सच्चे साहित्यिक निबंधों से है जिसमें लेखक अपने आप को प्रकट करता है विषय को नहीं। विषय तो केवल बहाना मात्र होता है।"



निबंध के प्रकार -


हिंदी निबंध को 5 भागों में बांटा गया है। वे निम्नलिखित प्रकार से हैं।


  • विचारात्मक निबंध

  • भावनात्मक निबंध

  • वर्णनात्मक निबंध

  • विवरणात्मक निबंध

  • आत्मपरख निबंध


  • विचारात्मक निबंध ---


विचारात्मक निबंधों में लेखक गंभीर विषयों पर अपने चिंतन मनन से लेख लिखता है। इस प्रकार के निबंधों में बुद्धि की प्रधानता व विचारों की प्रमुखता होती है। इस प्रकार के निबंधों की शैली व्यास या समाज शैली होती है। भाषा गंभीर व प्रौढ़ होती है। प्रमुख विचारात्मक निबंध का इस प्रकार है। -- अचार रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, महावीर प्रसाद द्विवेदी, श्यामसुंदर दास, डॉ नागेंद्र आदि


भावात्मक निबंध ---


भावात्मक निबंधों में भाव की प्रधानता होती हैं। इस प्रकार के निबंध व्यक्ति की संवेदनशीलता को प्रकट करते हैं। हास्य व्यंग प्रधान निबंध भी इसी श्रेणी में ही आते हैं। शुक्ला जी के मनोविकार संबंधी लेख भी इसी कोटि के हैं। प्रमुख भावात्मक निबंधकार इस प्रकार है--अध्यापक पूर्ण सिंह, भारतेंदु हरिश्चंद्र, प्रताप नारायण मिश्र, गुलेरी जी, ब्रजनंदन ,रामकृष्ण दास आदि।


वर्णनात्मक निबंध--


वर्णनात्मक निबंधों में कितनी घटना तथ्य ,वस्तु, स्थान , दृश्य आदि का वर्णन होता है। इस प्रकार के निबंधों में भावनात्मक ता वाह बौद्धिकता का सामजस्य रहता है। भाषा सरल व सहज होती है। प्रमुख वर्णनात्मक निबंध का इस प्रकार हैं। -- बालकृष्ण भट्ट, बाबू गुलाब राय, कन्हैयालाल मिश्र, विष्णु प्रभाकर, रामवृक्ष बेनीपुरी आदि।


विवरणात्मक निबंध --


विवरणात्मक प्रकार के निबंधों में पौराणिक, ऐतिहासिक ,सामाजिक घटनाओं का वर्णन होता है। निबंध संवेदनशील तथा मार्मिक होते हैं। विवरण भूतकाल का होता है। प्रमुख विवरणात्मक निबंधकार इस प्रकार है - भारतेंदु हरिश्चंद्र, बालकृष्ण भट्ट, प्रताप नारायण मिश्र, शिवपूजन सिंह सहाय आदि।



आत्मपरख निबंध ---


आत्मपरख प्रकार के निबंधों में लेखक अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ता है। वर्तमान में जो भी निबंध लिखे जाते हैं, वे सभी आत्मपरख प्रकार के निबंध होते हैं। प्रमुख आत्मपरख निबंधकार इस प्रकार हैं -- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉक्टर विद्यानिवास मिश्र, कुबेर नाथ राय, डॉ विवेक राय आदि।



निबंध के भाग - Nibandh ke bhag


किसी भी विषय पर निबंध लिखते समय हमें उसे पाया कुछ एक भागों में बांटना होता है। जिसे हम निबंध की श्रेणी में प्रस्तावना, मध्य भाग और उपसंहार आदि के नाम से जानते हैं।


भूमिका - सर्वप्रथम किसी विषय पर निबंध लिखते समय उसकी प्रस्तावना या भूमिका के बारे में लिखना आवश्यक होता है। इसे हम निबंध का प्रारंभिक परिचय भी कहते हैं। निबंध के उपरोक्त विभाग के अंतर्गत हमें विषय के संबंध में संक्षिप्त जानकारी लिखनी होती है।

जिसके लिए निबंध में अलंकृत भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए और इस दौरान विषय संबंधी जिस बात पर विशेष जोर देना है उसे कैतूहल पूर्वक लिखना चाहिए।



मध्य भाग - किसी भी विषय पर निबंध लिखते समय उसके मध्य भाग में विषय के बारे में सब कुछ वर्णित किया जाना चाहिए । इस दौरान विषय से जुड़ी उसकी लाभ और हानियों का जिक्र भी किया जाना चाहिए । निबंध लिखते समय मध्य भाग में विचारों को विभिन्न भागों में तोड़ कर लिखना चाहिए ताकि पढ़ते समय पाठक को नीरसता न लगे। निबंध के मध्य भाग में विषय से जुड़े कुछ दृश्य यह घटना का सुंदर शैली में वर्णन करना चाहिए इस दौरान वाक्यों मे क्रमबद्धता होनी चाहिए। निबंध के उपरोक्त भाग में विषय से संबंधित समस्त आवश्यक जानकारियां ,अतिथि का नाम ,जगह इत्यादि का पूर्ण विवरण होना चाहिए।


कहीं-कहीं पर लेखक द्वारा निबंध के मध्य भाग को अनेक भागों में बांटकर भी लिखा जाता है इससे पाठक की रोचकता निबंध के विषय के प्रति बनी रहती है।


उपसंहार - निबंध लिखते समय जिस प्रकार भूमिका का आकर्षण होना जरूरी है उसी प्रकार से उपसंहार का रोचक तरीके से लिखा होना भी आवश्यक है प्रस्तुत भाग में लेखक को उन बातों का संक्षिप्त साथ देना चाहिए जिन्हें वह निबंध में पहले ही वर्णित कर चुका हूं इस प्रकार उपसंहार किसी भी निबंध का अंतिम भाग होता है जिसमें विषय का अंतिम चार वर्णित किया जाता है।



निबंध के तत्व - Nibandh ke tatva


निबंध के चार प्रमुख तत्व होते हैं जिसमें सबसे पहले आत्मा अभिव्यक्ति आता है जिसके अंतर्गत किसी विषय पर निबंध लिखते समय केवल दूसरों के मतों को ही ना लिखें अपितु लेखक को अपने निजी विचार प्रकट करने चाहिए।


दूसरा निबंध लिखते समय लेखक को कुछ इस प्रकार से लिखना चाहिए ताकि पाठक को ऐसा प्रतीत हो कि निबंध का लेखक उनसे संबंध स्थापित कर रहा हो इसके अलावा निबंध के दौरान वाक्य में तारतम्यता होनी चाहिए। ताकि निबंध का मूल उद्देश्य बना रहे साथ ही निबंध की शैली को सजीव होना चाहिए। क्योंकि यही संपूर्ण निबंध की प्राण आत्मा होती है।



निबंध के प्रारूप - Nibandh Format


निबंध लिखने से पहले उसके प्रारूप को अवश्य जान लेना चाहिए। अगर आप निबंध लिखते समय उचित प्रारूप को ध्यान में रखते हैं। तो आप स्पष्ट रुप से अपना संदेश पाठक तक पहुंचा सकते हैं। निबंध लिखने से पहले उसकी रूपरेखा तैयार की जाती है ।जिससे प्रस्तावना, विषय वस्तु की बिंदुवार जानकारी ,लाभ हानि, कारण ,महत्व और  उपसंहार को दर्शाया जाता है।


परिचय - निबंध के आरंभिक परिचय में विषय वस्तु के बारे में और मुख्य बिंदुओं की जानकारी दी जाती हैं। किसी भी निबंध का परिचय इस बात पर प्रमुख जोर देता है। कि आप किसके बारे में बात करने वाले हैं और पाठकों को क्या बताने वाले हैं परिचय के अंत में आप किसी विषय पर क्यों लिख रहे हैं इसके बारे में बताया जाता है। इस प्रकार से निबंध लिखते समय परिचय पर मुख्य रुप से ध्यान दिया जाता है ताकि पाठकों तक आपका संदेश स्पष्टता से पहुंच सके।


मध्य भाग - किसी निबंध के आरंभ और अंत के बीच विषय से संबंधित जो कुछ भी लिखा जाता है वह निबंध का मध्य भाग कहलाता है। इसमें निबंध के मुख्य बिंदुओं पर विस्तार से लिखा जाता है और जरूरी बातों का समावेश किया जाता है यहां किसी विषय पर विस्तृत रूप से चर्चा की जाती हैं।



उपसंहार या निष्कर्ष -- यहां किसी विषय पर लिखे जा रहे निबंध का अंतिम साथ लिखा जाता है। मुख्य रूप से निबंध में समस्त बातों का उल्लेख करने के बाद उसके सभी तर्कों को एकत्रित करके यहां उस को अंतिम रूप दिया जाता है।


अगर आपने किसी विषय पर तर्क सहित निबंध लिखा है तो निबंध के निष्कर्ष के दौरान पाठकों के लिए एक प्रश्न है या उनके विचार जानने की कोशिश करने का अंत किया जाता है। इसके अलावा निबंध लिखते समय उचित शब्द सीमा प्रभावपूर्ण शब्दों का चयन और नियुक्ति भाषा का प्रयोग करना चाहिए ताकि आप एक प्रभावी निबंध लिख पाने में सक्षम हो सकेंगे।


निबंध लेखन के समय ध्यान रखने योग्य बातें - 


  1. निबंध की भूमिका आकर्षक और सरल होनी चाहिए और प्रत्येक वाक्य अंतिम वाक्य से विधिवत होना चाहिए


  1. निबंध में प्रयोग किए गए वाक्य एक दूसरे से भलीभांति संबंधित होने चाहिए


  1. निबंध में किसी भी वाक्य ,भाव और विचार की दोबारा से आवृत्ति नहीं होनी चाहिए


  1. निबंध लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि विषय से संबंधित कोई बात लिखने से छूट ना जाए और ना ही कोई अनावश्यक बात कही जाए।


  1. निबंध लिखते समय ऐसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए जिससे पाठक आप से जुड़ सके और साथ ही इसमें निजी विचारों का समावेश होना चाहिए।


  1. निबंध की भाषा सरल, रोचक और स्पष्ट होनी चाहिए। इसके अलावा निबंध के प्रारंभ में किसी भी भाषा के साहित्य से जुड़े विशेष लोगों की प्रसिद्ध युक्तियों का प्रयोग किया जाना चाहिए।


  1. निबंध का उपसंहार भी निबंध की भूमिका की भांति आकर्षक होना चाहिए।


  1. निबंध के विषय से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियां आदि मौजूद हो तो उनका भी निबंध के दौरान उल्लेख करना चाहिए।


  1. किसी उत्सव पर कर्म,पर्व के बारे में निबंध लिखते समय कारण और वीडियो का भी जिक्र करना चाहिए साथ ही किसी त्योहार को किस प्रकार से मनाया जाता है इसके बारे में भी स्पष्टता से लिखा जाना चाहिए।


   10 . यदि निबंध लेखन के दौरान शब्द सीमा का    उल्लेख किया गया हो तो उन्हीं के अंतर्गत निबंध लिखना चाहिए।



इस प्रकार निबंध लेखन के दौरान मुख्य रूप से भाषा शैली, व्याकरण संबंधित नियम वर्तनी और भाव पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे बल पर ही किसी विषय पर सरल और रोचक ढंग से निबंध लिखा जा सकता है।



तो मित्रो उम्मीद करता हूं कि आपको निबंध से संबंधित कोई भी त्रुटि नहीं होगी। आपको इस पोस्ट के माध्यम से सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा कि निबंध आपको किस प्रकार लिखना है निबंध क्या होता है निबंध के कितने प्रकार होते हैं निबंध कैसे लिखें। अगर आपको पोस्ट पसंद आई तो अपने दोस्तों को भी शेयर करें।




यह भी पढ़ें


👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇

NCERT solution for class 10th English lesson 1 Dust of snow


NCERT solutions for class 10th English lesson 2 fire and ice


NCERT solution for class 10th English poem lesson 3 a tiger in the zoo


NCERT solution for class 10th English lesson 4 how to tell wild animals





















Post a Comment

और नया पुराने

inside

inside 2