गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में | Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

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गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में | Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

 गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में | Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में | Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदीओ के लिए बहुत खास है आज के आर्टिकल में गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi के बारे में बात करने वाले हैं।


गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र का बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है यह हिंदू धर्म का एक बहुत प्रिय पर्व है। यह उत्सव पूरे भारत में बेहद भक्ति भाव और खुशी से मनाया जाता है।


गणेश चतुर्थी का त्योहार आने के कई दिन पहले से ही बाजारों में इसकी रौनक दिखने लगती है। यह पर्व हिंदू धर्म का अत्यधिक मुख तथा बहुत प्रसिद्ध पर्व है। इसे हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में बडे उत्सव के साथ मनाया जाता है।


यह भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है जो माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं। ये बुद्धि और समृद्धि के भगवान हैं इसलिए इन दोनों को पाने के लिए लोग इनकी पूजा करते हैं।


Table of Contentd


प्रस्तावना

गणेश चतुर्थी का महाराष्ट्र में महत्व

गणेश चतुर्थी पूजा विधि

शिवजी द्वारा गणेश जी को वरदान

भगवान गणेश और चंद्रमा की कहानी

सुख, समृद्धि, और वृद्धि का त्योहार (गणेश चतुर्थी)

उपसंघार


प्रस्तावना 


गणेश चतुर्थी पर्व हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है, यह भारत के विभिन्न प्रांतों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। किंतु महाराष्ट्र में बहुत ही धूमधाम से इस त्यौहार को मनाया जाता है पुराणों के अनुसार इस दिन प्रथम पूजनीय श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। कहीं कहीं छोटी-छोटी तो कहीं बड़ी बड़ी प्रतिमाओं का स्थापित किया जाता है, और इस प्रतिमा की उपासना कहीं-कहीं 7 दिन के लिए तो कहीं 9 दिन के लिए की जाती है परंतु 10 दिन तक गणेश जी स्थापित किया जाता है। और बड़े धूमधाम से इनकी पूजा-अर्चना की जाती है।


गणेश चतुर्थी के दिन का महत्व गणेश चतुर्थी के दिन सभी स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों बंद रहते हैं क्योंकि इस दिन गणेश जी की उपासना की जाती है इस दिन सभी भक्तगण गणेश जी की आरती गाते है। भगवान श्री गणेश जी को मोदक और लड्डू का भोग लगाया जाता है क्योंकि मोदक और लड्डू गणेश जी को अभी प्रिय हैं।


गणेश चतुर्थी का महाराष्ट्र में महत्व


गणेश चतुर्थी का सबसे अधिक भव्य और बड़े पैमाने में महाराष्ट्र राज्य में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। क्योंकि सबसे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज ने उसकी शुरुआत की थी गणेश चतुर्थी को सबसे अधिक और जबरदस्त तरीके से महाराष्ट्र और भारत के सभी राज्यो में मनाया जाता है।


गणेश जी के अन्य नाम से भी जाना जाता है :-


वैसे तो गणेश जी 108 नाम है। परंतु हम यहां 108 नाम का उल्लेख नहीं कर सकते क्योंकि बहुत सारे नाम हैं उनके मुख्य 12 नामों का हम उल्लेख कर रहे हैं गणेश जी के 12 नाम इस प्रकार है। इन 12 नामों का नारद पुराण में उल्लेख मिलता है। गणेश जी को मुख्य रूप से सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्ण, लंबोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, घूमकेतु, गणाअध्यक्ष, बालचंद्र गजानन, आदि नामों से भी पुकारा जाता है।


गणेश चतुर्थी पूजा विधि


गणेश चतुर्थी के दिन सुबह सुबह ही सबसे पहले नहा कर लाल वस्त्र पहने जाते हैं। क्योंकि लाल वस्त्र भगवान गणेश जी को अधिक प्रिय लगते हैं। पूजा के दौरान श्री गणेश जी का मुख उत्तर या पूर्व दिशा में रखा जाता है। सबसे पहले पंचामृत से गणेश जी का अभिषेक किया जाता है।


पंचामृत में सबसे पहले दूध से गणेश जी का अभिषेक किया जाता है। उसके बाद दही से फिर घी से शहद से और अंत में गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। गणेश जी पर रोली और कलावा चढ़ाया जाता है। सिंदूर गणेश जी को बहुत अधिक प्रिय है इसलिए उनको सिंदूर चढ़ाया जाता है।


शिवजी द्वारा गणेश जी को वरदान


शिवजी ने गणेश जी को आशीर्वाद देते हुए कहा था। कि जब भी पृथ्वी पर किसी भी नए और अच्छे कार्य की शुरुआत की जाए तो वहां पर सबसे पहले गणेश जी का नाम लिया जाएगा। और गणेश जी की आराधना करने वाले व्यक्ति के सभी दुख दर्द मिट जाएंगे। इसी वजह से हम भारती कोई भी अच्छा कार्य करने से पहले गणेश जी की उपासना जरूर करते हैं। चाहे वह विवाह नए व्यापार नया घर प्रवेश कोई भी कार्य हो उसमें गणेश जी की पूजा पहले की जाती है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ होता है। जो भी चंद्रमा को गणेश चतुर्थी के दिन दर्शन करता है, तो उस दिन उस पर चोरी का आरोप लगता है।


भगवान गणेश और चंद्रमा की कहानी


शुक्ल पक्ष चतुर्थी में भाद्रपद की हिंदी महीने में इस उत्सव को देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि, पहली बार चंद्रमा के द्वारा गणेश का व्रत रखा गया था क्योंकि अपने दुर्व्यवहार के लिए गणेश द्वारा वह शापित थे।


गणेश की पूजा के बाद चंद्रमा को ज्ञान तथा सुंदरता का आशीर्वाद मिला। भगवान गणेश हिंदुओं के सबसे बड़े भगवान है जो अपने भक्तों को बुद्धि समृद्धि तथा संपत्ति का आशीर्वाद देते हैं। मूर्ति विसर्जन के बाद अनंत चतुर्दशी पर गणेश चतुर्थी उत्सव समाप्त होता है। भगवान विनायक सभी अच्छी चीजों के रक्षक और सभी बाधाओं को हटाने वाले हैं। 


सुख, समृद्धि, और वृद्धि का त्योहार (गणेश चतुर्थी)


भक्त गण भगवान गणेश को अपने घर ले आते हैं तथा पूरी आस्था से मूर्ति की स्थापना करते हैं। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब गणेश जी घर पर आते हैं तो ढेर सारी सुख समृद्धि वृद्धि और खुशी ले आते हैं। हालांकि जब वह हमारे घर से प्रस्थान करते हैं तो हमारी सारी बाधाएं तथा परेशानियों को साथ ले जाते हैं। भगवान गणेश को बच्चे बहुत प्रिय हैं और उनके द्वारा उन्हें मित्र गणेश बुलाते हैं। लोगों का समूह गणेश जी की पूजा करने के पंडाल तैयार करते हैं वो लोग पंडाल को फूलों और प्रकाश के द्वारा आकर्षक रूप से सजा देते हैं। आसपास की बहुत सारे लोग प्रतिदिन उस पंडाल में प्रार्थना और अपनी इच्छाओं के लिए आते हैं। भक्त गण भगवान गणेश को बहुत सारी चीजें चढ़ाते हैं जिसमें मोदक उनका सबसे पसंदीदा है।


यह उत्सव 10 दिनों के लिए अगस्त और सितंबर में मनाया जाता है गणेश चतुर्थी पूजा दो प्रक्रियाओं को शामिल करती है, पहला मूर्ति स्थापना और दूसरा मूर्ति विसर्जन (इसे गणेश विसर्जन भी कहा जाता है) हिंदू धर्म में एक रीति प्राण प्रतिष्ठा पूजा की जाती है। (मूर्ति में उनके पवित्र आगमन के लिए) तथा शोधसोपचरा (भगवान को 16 तरीकों से सम्मान देना) की जाती है। 10 दिनों की पूजा के दौरान कपूर, लाल, चंदन, लाल फूल, नारियल, गुड, मोदक, और दुराव घास चढ़ाने की प्रथा की समाप्ति के समय गणेश विसर्जन में लोगों की भारी भीड़ विघ्नहर्ता को खुशी खुशी विदा करती हैं।


उपसंघार


इस उत्सव में लोग गणेश की मूर्ति को घर ले आते हैं अगले 10 दिनों तक पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते हैं। अनंत चतुर्दशी अर्थात 11वें दिन गणेश विसर्जन करते हैं और अगले वर्ष दोबारा आने की कामना करते हैं लोग उनकी पूजा वृद्धि तथा समृद्धि की प्राप्ति के लिए करते हैं। इस उत्सव को विनायक चतुर्थी या विनायक छवि संस्कृत में भी कहते हैं।


आज के आर्टिकल में हमने आपको गणेश चतुर्थी पर निबंध Ganesh Chaturthi Essay in Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है मुझे उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी यदि आपको इस आर्टिकल से जुड़ा हुआ कोई सवाल है तो वह हमें कमेंट में हमको बता सकता है।


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