नेशनल स्टार्टअप दिवस 2022 निबंध National Startup Day Divas in hindi
अब से भारत के प्रधानमंत्री पद की बाग डोर श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने संभाली है, तब से ही वह भारत की तरक्की के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कुछ सालों पहले ही स्टार्ट अप योजना की शुरुआत की थी स्टार्ट अप को सरल शब्दों में समझें तो यह किसी व्यक्ति या फिर कंपनी के दिमाग की उपज होती है। यह एक ऐसा क्रिएटिव आइडिया होता है जो बिजनेस की फिल्ड में आता है।
स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए गवर्नमेंट ने कई योजनाएं चला कर के रखी हैं ताकि अगर किसी व्यक्ति को स्टार्ट अप करना है और उसके पास फंड ना हो तो गवर्नमेंट की योजना के द्वारा फंड इकट्ठा कर सके और अपना बिजनेस चालू कर सकें हाल ही में मोदी जी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा स्टार्टअप को लेकर के कि है।
नेशनल स्टार्टअप दिवस 2022
नेशनल स्टार्टअप दिवस क्या है
दरअसल बात यह है कि इंडिया के लोगों ने जब से स्टार्टअप पर काम करना चालू किया है तब से ही देश में नई बिजनेसमैन और उद्योगपति पैदा हो रही हैं जिसमें से कुछ बड़े उद्योगपति हैं तो कुछ छोटे उद्योगपति होती हैं।
स्टार्टअप एक ऐसा आईडिया होता है जो धीरे-धीरे बिजनेस का रूप लेता है और उस पर काम करते हुए उस स्टार्टअप के व्यक्ति के द्वारा उस व्यापारी आइडिया को आगे चलकर के बड़ा आकार दिया जाता है।
स्टार्टअप उस व्यक्ति के लिए तो फायदेमंद होता ही है जो इसे चालू करता है साथ ही इसके जरिए कई अन्य लोगों को रोजगार भी मिलता है इस प्रकार से देखा जाए तो भारत की तरक्की में स्टार्टअप का अहम योगदान है। इसलिए गवर्नमेंट ने स्टार्टअप को इंडिया का आधार स्तंभ बनाते हुए हर साल अब स्टार्टअप दिवस मनाने की घोषणा की है।
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नेशनल स्टार्टअप दिवस कब मनाया जाता है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाल ही में स्टार्टअप दिवस को मनाने की घोषणा की है जिसके अंतर्गत उन्होंने 16 जनवरी के दिन का सेलेक्शन किया है। इस प्रकार से आप यह स्पष्ट तौर पर समझ ले कि अब से हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाया जाएगा।
इस घोषणा को करने के दरमियान नरेंद्र मोदी जी ने वर्चुअल मीटिंग करके ऐसे कई कारोबारियों के साथ वार्तालाप किया जो स्टार्टअप कारोबारी थे।
स्टार्टअप भारत के ग्रामीण इलाकों में भी पहले इसके लिए अब से हर साल 16 जनवरी को स्टार्टअप दिवस मनाया जाएगा जिसे अंग्रेजी में नेशनल स्टार्टअप डे कहा जाता है।
नेशनल स्टार्टअप दिवस क्यों मनाया जाएगा?
आपको याद ही होगा कि कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्टार्टअप योजना को लागू करने की घोषणा की थी और 16 जनवरी 2022 में उसी योजना को लागू हुए होटल 6 साल हो जाएंगे।
6 साल पूरे होने पर गवर्नमेंट स्टार्टअप योजना की सालगिरह मना रही है और इसलिए नरेंद्र मोदी जी ने साल 2022 में 16 जनवरी को हर साल स्टार्टअप दिवस के तहत मनाने की घोषणा की है इस प्रकार से अब आपको यह पता चल गया होगा कि स्टार्टअप दिवस क्यों मनाया जाएगा।
स्टार्टअप क्या होता है
बता दें कि स्टार्टअप का आइडिया किसी व्यक्ति को उसके क्रिएटिव माइंड से ही जाता है। स्टार्टअप में व्यक्ति धीरे-धीरे अपने बिजनेस की शुरुआत करता है। हालांकि उसे यह पहले से ही पता होता है कि उसे अपने बिजनेस को बड़ा बनाना है और इसलिए वह कई नीतियों पर चल कर के अपने बिजनेस को जमीनी स्तर पर उतारता है और उसे आगे बढ़ाने का प्रयास करता है।
एक प्रकार से समझ ले कि स्टार्टअप एक छोटे बच्चे की तरह होता है जिसे धीरे-धीरे करके बड़ा किया जाता है। स्टार्टअप की शुरुआत धीमी होती है और यह धीमे-धीमे ही आगे बढ़ता है परंतु यह एक दिन इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लेता है कि इसके साथ जुड़े हुए लोगों को पैसे की कोई भी कमी नहीं रहती है।
स्टार्टअप उन योजनाओं पर काम करता है जो मार्केट में काफी कम है या फिर है ही नहीं ताकि इसकी चलने की संभावना ज्यादा हो।
स्टार्टअप में काम करने के फायदे क्या है?
स्टार्टअप करने का फायदा यह होता है कि व्यक्ति के पास अलग-अलग तजुर्बा होता है। स्टार्टअप के अंतर्गत जो कंपनियां चालू होती हैं वह तरक्की तो बाद में करते हैं परंतु पहले उन्हें बना लिया जाता है।
स्टार्टअप के अंदर जो भी व्यक्ति शामिल होते हैं उन्हें हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखने को मिलता है। इस प्रकार से इनकी स्किल्स में भी बढ़ोतरी होती है। इसमें जो भी वर्कर काम करते हैं वह खुद के ही मालिक होते हैं क्योंकि जो स्टार्टअप करता है वही कर्मचारी और मालिक दोनों होता है।
स्टार्टअप में हम अपने आइडिया पर काम कर सकते हैं। इसलिए हमें किसी और को दोष देने का मौका नहीं मिलता है। कुछ स्टार्टअप ऐसे हैं जिसे हम घर से ही चालू कर सकते हैं और घर पर ही उसे मैनेज कर सकते हैं।
स्टार्टअप में काम करने के नुकसान क्या है?
अधिकतर स्टार्टअप ऐसे होते हैं जिसमें दो-चार लोग होते हैं ऐसे में उनके ऊपर काम करने का ज्यादा प्रेशर होता है। जिससे वर्क लोड कहा जाता है। स्टार्टअप करने के लिए अधिकतर इन्वेस्टमेंट लोगों को अपनी जेब से ही करना पड़ता है।
ऐसे में पैसे को लेकर कि हमेशा चिंता बनी रहती है। स्टार्टअप की शुरुआत धीमे-धीमे होती है। इसलिए स्टार्टिंग में इसमें कमाई कम होती है। इसलिए ध्यान रखना जरूरी होता है। स्टार्टअप के अंदर अपने आईडिया पर काम करना पड़ता है। इसलिए लोगों से मिलना जुलना कम हो जाता है।
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