सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी | Sakaratmak Soch Ki Shakti ki kahani in hindi
ऐसे ही इस कहावत को सच करने के लिए एक प्रेरणादायी कहानी प्रस्तुत है जोकि शायद आपने कभी सुनी हो किंतु अपने जीवन में नहीं अपनाया होगा।
सकारात्मक सोच की शक्ति की कहानी (Sakaratmak Soch Ki Shakti Story in hindi)
एक बार की बात है एक बहुत ही दयावान आदमी था। वह हर रोज सुबह घर पर काम के लिए निकलते हुए कुछ लोगों की मदद करता था, जैसे सबसे पहले वह एक घर की बालकनी से गिरते हुए पानी को व्यर्थ होने से बचाने के लिए वहां एक छोटे से पौधे वाला गमला रख देता है। जिससे पानी उस पौधे पर गिरे। इसके बाद वह थोड़ा और आगे जाता है वहां एक आदमी का ठेला एक गड्ढे में फस जाता है उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आता तब वह आदमी उसकी मदद करता है इसके बाद थोड़ा और आगे चलने पर एक बहुत ही गरीब लड़की जो पढ़ना चाहती है, वहां फूटपाथ बैठकर भीख मांगती है ताकि कुछ पैसे इकठे हो सके और वह पढ़ाई कर सके वह आदमी उसे रोज कुछ पैसे देता है।
इस तरह वह रोज कुछ लोगों की मदद करता है, ऐसा वह हर रोज करता है। एक दूसरा आदमी उस आदमी को यह सारे काम हर रोज करते देखता है।
एक दिन उस दूसरे आदमी ने उस आदमी से पूछा कि – "भाई साहब आप रोज इन लोगों की मदद करते हैं लेकिन इससे क्या फर्क पड़ेगा? इससे केवल समय की बर्बादी होगी"। तब वह आदमी उस दूसरे आदमी से कहता है कि – "इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, इससे आपको भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा और इससे इस दुनिया में भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, किंतु जो मैं करता हूं वह मेरा फर्ज है, मैं सिर्फ अपना फर्ज निभा रहा हूं और फर्ज निभाने में समय की बर्बादी नहीं होती"। ऐसा कहकर वह वहां से चला जाता है। ऐसा करते – करते कुछ दिन बीत जाते हैं। फिर एक दिन वह देखता है कि हुआ है बालकनी के नीचे रखा हुआ पौधा बड़ा हो गया है। फिर थोड़ा आगे जाकर वह हर रोज की तरह उस ठेले वाले आदमी की मदद के लिए जाता है तो देखता है कुछ और लोग उसकी मदद कर रहे हैं फिर थोड़ा और आगे उस लड़की को पैसे देने के लिए जाता है। तो देखता है कि वह लड़की वहां नहीं है वह उसका वही इंतजार करता है थोड़ी देर बाद वह लड़की एक स्कूल की यूनिफार्म पहन कर उसके सामने आती है।
यह सब देख कर वह बहुत खुश होता है। लेकिन वह दूसरा आदमी भी यह सब देख रहा होता है, और यह सब देख कर उसे समझ आता है कि एक आदमी ने कोशिश की तो किसी का कितना भला हो गया इसी तरह यदि और लोग भी ऐसा करने लगे तो इस देश की पूरी सूरत ही बदल सकती है।
शिक्षा (Moral of the story)
इस कहानी से यह प्रेरणा मिलती हैं कि हमें नकारात्मक सोच नहीं रखना चाहिए हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए। व्यर्थ ही पैसे खर्च करने से अच्छा है कि किसी जरूरतमंद की मदद करें, क्योंकि इससे आपको खुशी मिलेगी और किसी को नया जीवन मिल जाएगा। किसी जरूरतमंद की मदद करना समय और पैसे की बर्बादी नहीं बल्कि अपना फर्ज समझना चाहिए। यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि एक अकेले आदमी की कोशिश से क्या होगा दोस्तों यदि एक आदमी भी कोशिश करे तो बहुत कुछ हो सकता है इसलिए हमेशा कोशिश करते रहना चाहिए।
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